जस्टिस वर्मा का मामला भारतीय न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। इस मामले ने न्यायपालिका की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़े किए हैं।
अब चीफ जस्टिस ने जब फाइल को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के समक्ष भेज दिया है तो उनकी भूमिका समाप्त हो जाती है। उनकी ओर से फाइल को पीएम और राष्ट्रपति को बढ़ाने का अर्थ है कि उन्हें हटाने की सिफारिश की गई है। आर्टिकल 124 के तहत किसी जज को हटाने की कार्रवाई राष्ट्रपति की ओर से ही हो सकती है।
हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर से मिले कैश के मामले में सीजेआई संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को लेटर लिखा है। सीजेआई ने कमेटी से हाल ही में मिली रिपोर्ट को दोनों से साझा किया है।
रिपोर्ट चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के पास है तो उन्होंने जस्टिस यशवंत वर्मा का इस्तीफा ही मांग लिया है। न्यायपालिका से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उन्हें विकल्प दिया गया है कि वे इस्तीफा दे दें। यदि ऐसा नहीं करेंगे तो फिर महाभियोग के लिए रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजी जाएगी।
इससे पहले SC ने इन-हाउस जांच लंबित रहने के कारण अपने न्यायिक आदेश में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था।
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय समिति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों पर सीजेआई संजीव खन्ना को रिपोर्ट सौंप दी है। अब जस्टिस खन्ना को इस पर आगे की कार्रवाई करनी है।
जज के घर मिले कैश मामले में धनखड़ ने कहा कि हमें खुद से कुछ सवाल पूछने होंगे। क्या देरी के लिए कोई सफाई दी जा सकती है? क्या यह माफी योग्य है? क्या इससे कुछ बुनियादी सवाल नहीं उठते?
इस घटना का बैकग्राउंड न्यूयॉर्क की एक हालिया खबर से जुड़ा है, जहां 74 साल के जेरोम डेवाल्ड नाम के शख्स ने अपने केस में AI से बनी अवतार का इस्तेमाल किया। वह अपने पुराने एम्प्लॉयर के खिलाफ केस लड़ रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 22 मार्च को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी एस संधवाला और कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायाधीश अनु शिवरामन की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया।
हाईकोर्ट बार आज जस्टिस यशवंत वर्मा के शपथ ग्रहण का बहिष्कार करेगा। रात साढ़े 12 बजे बार अध्यक्ष के आवास पर कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय हुआ। हाईकोर्ट के वकीलों ने लगातार चौथे दिन कार्य बहिष्कार किया।