सुप्रीम कोर्ट ने 22 मार्च को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी एस संधवाला और कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायाधीश अनु शिवरामन की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया।
हाईकोर्ट बार आज जस्टिस यशवंत वर्मा के शपथ ग्रहण का बहिष्कार करेगा। रात साढ़े 12 बजे बार अध्यक्ष के आवास पर कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय हुआ। हाईकोर्ट के वकीलों ने लगातार चौथे दिन कार्य बहिष्कार किया।
अनिल तिवारी ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन उनके शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का निर्णय कर चुकी है। हमारी हड़ताल का स्वरूप बदल सकता है, लेकिन लड़ाई जारी रहेगी।
अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत के मुख्य न्यायाधीश की सलाह के बाद जस्टिस वर्मा के तबादले का फैसला किया है।
नकदी बरामदगी से जुड़े विवाद के बीच सरकार ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को दिल्ली से इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने की अधिसूचना जारी की।
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास के स्टोर रूम में आग लगी, जिसके बाद वहां से भारी मात्रा में जले हुए नोट मिलने की बात सामने आई।
Justice Varma transfer: 6 बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने गुरुवार दोपहर CJI खन्ना और कॉलेजियम के अन्य सदस्यों- जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ से मुलाकात की।
दो घंटे तक पड़ताल के बाद टीम लौटी तो जाते हुए कमरे को भी सील कर गई। इससे पहले उस स्टोररूम की वीडियोग्राफी भी हुई, जहां बड़े पैमाने पर कैश मिला था। 14 मार्च को रात में 11:15 पर आग लगने की सूचना फायर विभाग को मिली थी। मौके पर फायर विभाग पहुंचा तो वहां कमरे में कुछ बोरों में नोट भरे हुए मिले।
अब तक सुप्रीम कोर्ट की ओर से जो जानकारी आई है, उसमें यह नहीं बताया गया कि सरकार ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ FIR को लेकर सलाह मांगी है या नहीं। 1991 का मामला हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस के. वीरास्वामी का है। उनके खिलाफ सीबीआई में शिकायत दी गई थी और फिर करप्शन ऐक्ट के तहत केस भी फाइल हुआ था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी वकील इस सप्ताह सोमवार और बुधवार को जस्टिस वर्मा के घर पहुंचे थे।