कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा ले रहे कानूनी सलाह, कौन हैं उनके मददगार पांच वकील?
रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी वकील इस सप्ताह सोमवार और बुधवार को जस्टिस वर्मा के घर पहुंचे थे।

दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास में लगी आग के बाद कथित नकदी बरामदगी के मामले की जांच के सिलसिले में पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) के नेतृत्व में एक टीम बुधवार को उनके आवास पहुंची और घटनास्थल का मुआयना किया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि टीम दोपहर करीब 1.50 बजे जस्टिस वर्मा के घर पहुंची और दो घंटे बाद वापस लौट गई। हालांकि, पुलिस टीम ने मीडिया से बात नहीं की और जस्टिस वर्मा के घर से निकलकर सीधे तुगलक रोड पुलिस थाने चली गई।
दूसरी तरफ जस्टिस वर्मा ने देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना द्वारा इस मामले में गठित आंतरिक समिति के समक्ष पेश होने और अपना बयान दर्ज कराने से पहले बुधवार को पांच वकीलों की एक टीम के साथ मुलाकात की और उस टीम से कानूनी सलाह ली।
पांच वकीलों की टीम में कौन-कौन?
बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिन पांच वकीलों में जस्टिस यशवंत वर्मा से बुधवार को मुलाकात की और कानूनी पहलुओं पर चर्चा की, उनमें वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ अग्रवाल, अरूंधति काटजू, तारा नरूला, स्तुति गुजराल और एक अन्य वकील शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी वकील इस सप्ताह सोमवार और बुधवार को जस्टिस वर्मा के घर पहुंचे थे।
CJI की आंतरिक समिति में कौन-कौन जज?
जस्टिस वर्मा के घर कथित तौर पर नकदी बरामद होने के मामले में CJI ने जांच के लिए जो आंतरिक समिति बनाई है, उसमें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनु शिवरामन हैं। ये जांच समिति फिलहाल दिल्ली में है और उम्मीद की जा रही है कि इस सप्ताह जस्टिस वर्मा से दो बार मुलाकात करेगी। सूत्रों के अनुसार जस्टिस वर्मा इस आंतरिक समिति के समक्ष दिए जाने वाला अपना जवाब तैयार कर रहे हैं, क्योंकि वही जवाब भविष्य में उनके खिलाफ इस मामले में कार्रवाई का आधार बनेगा और इसी वजह से जस्टिस वर्मा कानूनी एक्सपर्ट से सलाह-मशविरा कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि जस्टिस वर्मा ने नकदी बरामदगी के आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि उनके या परिवार के किसी सदस्य ने भंडारगृह में कभी भी कोई नकदी नहीं रखी। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक 14 मार्च को होली के दिन जस्टिस वर्मा के घर आग लग गई थी, जिसे बुझाने दिल्ली फायर सर्विस के कर्मी पहुंचे थे। इसी अग्निशमन कार्यवाही के दौरान फायर सर्विस के कर्मियों को जस्टिस वर्मा के आवास के स्टोर रूम में भारी मात्रा में जले हुए नकदी बरामद हुए थे।