Defence Ministry says Operation Sindoor demonstrates synergy between three forces ऑपरेशन सिंदूर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल का शानदार प्रदर्शन, रक्षा मंत्रालय ने दी हर एक डिटेल, India News in Hindi - Hindustan
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ऑपरेशन सिंदूर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल का शानदार प्रदर्शन, रक्षा मंत्रालय ने दी हर एक डिटेल

भारतीय वायुसेना ने राफेल विमानों, SCALP मिसाइलों और AASM हैमर बमों का उपयोग किया। यह अभियान आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।

Niteesh Kumar भाषाSun, 18 May 2025 11:32 PM
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ऑपरेशन सिंदूर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल का शानदार प्रदर्शन, रक्षा मंत्रालय ने दी हर एक डिटेल

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान आपसी समन्वय की शक्ति और रणनीतिक दूरदृष्टि का प्रदर्शन किया। इस ऑपरेशन में तीनों सेनाओं की संतुलित प्रतिक्रिया प्रदर्शित हुई, जिसमें सटीकता, पेशेवर अंदाज और उद्देश्य की झलक मिली। ऑपरेशन सिंदूर की परिकल्पना नियंत्रण रेखा के पार और पाकिस्तान के अंदर तक आतंक के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए दंडात्मक और लक्षित अभियान के रूप में की गई थी। इसके तहत भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में 6 मई की देर रात को आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए। भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की।

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पाकिस्तानी प्रयासों का भारतीय पक्ष ने कड़ा जवाब दिया। वायु सेना के ठिकानों, वायु रक्षा प्रणालियों, कमान व नियंत्रण केंद्रों और रडार स्थलों सहित कई प्रमुख पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को भारी क्षति पहुंचाई। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 10 मई को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान भूमि, वायु और समुद्र में सभी प्रकार की गोलाबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमत हो गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पहलगाम हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई सावधानीपूर्वक तैयार योजना और खुफिया जानकारी पर आधारित दृष्टिकोण पर केंद्रित थी, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि ऑपरेशन न्यूनतम क्षति के साथ संचालित किया गया।

पाकिस्तान के हमलों को किया विफल

इस ऑपरेशन के बाद, पाकिस्तान ने प्रमुख भारतीय वायुसैनिक अड्डों और साजो-सामान संबंधी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर जवाबी हमले शुरू किए। मंत्रालय ने कहा कि इन प्रयासों को भारत की व्यापक और बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली द्वारा प्रभावी ढंग से निष्प्रभावी कर दिया गया। मंत्रालय के बयान में कहा गया, 'इस सफलता का मुख्य कारण एकीकृत कमान और नियंत्रण रणनीति थी, जिसने विभिन्न क्षेत्रों में वास्तविक समय में खतरे की पहचान, आकलन और रोकथाम को संभव बनाया। ऑपरेशन सिंदूर के प्रत्येक क्षेत्र में सेनाओं के बीच प्रभावशाली तालमेल था। सरकार, एजेंसियों और विभागों की ओर से पूर्ण सहयोग दिया गया।'

मंत्रालय ने कहा कि यह ऑपरेशन भूमि, वायु और समुद्र में किया गया। यह भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के बीच तालमेल का शानदार प्रदर्शन था। भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान में आतंकवादी बुनियादी ढांचे के खिलाफ सटीक हमले करने में अहम भूमिका निभाई। इसमें कहा गया कि भारतीय वायुसेना ने नूर खान वायु सैनिक अड्डे और रहीमयार खान वायुसैनिक ठिकाने जैसे लक्ष्यों पर उच्च प्रभाव वाले हवाई अभियान चलाए। वायुसेना का मजबूत वायु रक्षा तंत्र सीमा पार से ड्रोन और मानवरहित विमान हमलों के जवाब में भारतीय हवाई क्षेत्र की रक्षा करने में अहम साबित हुआ। स्वदेशी रूप से विकसित आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली और पिकोरा व ओएसए-एके जैसे मंचों को एक स्तरित रक्षा ग्रिड में प्रभावी ढंग से तैनात किया गया है।

रक्षात्मक और आक्रामक दोनों भूमिकाएं

भारतीय सेना ने रक्षात्मक और आक्रामक दोनों भूमिकाओं में अपनी तैयारी और प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया। मंत्रालय ने कहा कि सेना की वायु रक्षा इकाइयों ने वायुसेना के साथ मिलकर काम किया व विभिन्न प्रणालियों की तैनाती की। इन इकाइयों ने पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे ड्रोन हमलों का मुकाबला करने में अहम भूमिका निभाई। मंत्रालय ने ऑपरेशन के दौरान भारतीय नौसेना की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना ने समुद्री प्रभुत्व स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक समग्र नेटवर्क बल के रूप में काम करते हुए, नौसेना ने मिग-29के लड़ाकू जेट और अग्रिम हवाई चेतावनी हेलीकॉप्टर से लैस अपने कैरियर बैटल ग्रुप को तैनात किया। इससे समुद्री क्षेत्र में खतरों की निरंतर निगरानी और वास्तविक समय पर पहचान सुनिश्चित हुई।

कैरियर बैटल ग्रुप एक नौसेना बेड़ा होता है, जिसमें एक विमान वाहक पोत और उसके साथ कई अन्य जहाज शामिल होते हैं। मंत्रालय ने कहा, 'सीबीजी ने एक शक्तिशाली वायु रक्षा कवच बनाए रखा, जिसने शत्रुतापूर्ण हवाई घुसपैठ को रोका, विशेष रूप से मकरान तट से।' इसमें कहा गया कि नौसेना की उपस्थिति ने एक मजबूत निवारक शक्ति तैयार की। पश्चिमी समुद्र तट पर पाकिस्तानी वायु सेना को प्रभावी रूप से रोक दिया, जिससे उन्हें कोई भी दुस्साहस करने का मौका नहीं मिला। बयान में कहा गया, 'नौसेना के पायलटों ने चौबीसों घंटे उड़ानें भरीं, जिससे क्षेत्र में भारत की तत्परता और रणनीतिक पहुंच का पता चला। समुद्र पर निर्विवाद नियंत्रण स्थापित करने की नौसेना की क्षमता ने जटिल खतरे के माहौल में इसकी मिसाइल रोधी और विमान रोधी रक्षा क्षमताओं को भी प्रमाणित किया है।'