गुजरात के होम्योपैथ ने MBBS की सीट के लिए दिए 16 लाख, एक महीने में डिग्री आई
गुजरात के मेहसाणा में एक होम्योपैथ ने एमबीबीएस की सीट के लिए डॉ प्रेम कुमार सिंह को 16.32 लाख दिए।एक महीने में यूपी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री पहुंची घर, मेडीकल काउंसिल की भी सील लगी है।
अहमदाबाद : देश में इस समय एमबीबीएस में एडमिशन के लिए होने वाले नीट में धांधली की खबरें चल रही हैं। ऐसे में गुजरात के मेहसाणा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक होम्योपैथ ने उत्तर प्रदेश की एक यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की सीट पाने के लिए एक डॉक्टर को 16.32 लाख रुपये दिए, लेकिन सीट मिलने की जगह एक महीने के अंदर उसके घर पर कुरियर के जरिए डिग्री पहुंच गई। डिग्री के फर्जी होने का अंदाजा लगने पर वह पुलिस के पास पहुंचा लेकिन तब रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई, अब 14 जून 2024 को लगभग पांच सालों के बाद रिपोर्ट दर्ज की गई।
क्या है पूरा मामला
जुलाई 2018 में सुरेश पटेल (41) इंटरनेट पर मेडीसिन में उच्च शिक्षा लेने की जानकारी ढूंढ रहा था, तभी उसे एक वेबसाइट मिली जो ऑल इंडिया अल्टरनैटिव मेडिकल काउंसिल से संबंधित होकर एमबीबीएस डिग्री देने का दावा कर रही थी। वेबसाइट से नंबर लेकर फोन लगाने पर अपने आप को डॉ प्रेम कुमार राजपूत बताने वाले शख्स से बात हुई।
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए अपने इंटरव्यू में सुरेश ने बताया कि राजपूत ने मुझे भरोसा दिलाया कि मुझे 12 की प्रतिशत के आधार पर एमबीबीएस में सीट मिल जाएगी। इस बीच राजपूत से मेरी करीब 25 बार बात हुई, उसने मेरी तीन और डॉक्टरों, डॉ. शौकत खान, डॉ आनंद कुमार और अरूण कुमार से बात करवाई और कहा कि यह आपकी डिग्री पूरी करने में मदद करेंगे। उसके कहने पर मैंने 10 जुलाई 2018 से 23 फरवरी 2019 के बीच 16.32 लाख रुपया दिया और अपनी क्लासों के लिए कॉल आने का इंतजार करने लगा।
और घर आ गई डिग्री
पटेल ने बताया कि मेरी क्लास शुरू होने का फोन तो नहीं आया पर मार्च 2019 में कुरियर के जरिए मुझे एक पैकेज मिला जिसमें एमबीबीएस की डिग्री और मार्कशीट और इंटर्नशिप सर्टिफिकेट था, यह सब का सब मेरे नाम पर था और इस पर मेडीकल काउंसिल ऑफ इंडिया का स्टैम्प भी लगा हुआ था। मैंने राजपूत को फोन किया तो उनके नंबर बंद हो गए। मैंने जब एमसीआई से संपर्क किया तो पता चला कि मेरे साथ धोखा हुआ है। मैंने पुलिस में शिकायत की, जो बाद में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के पास चली गई।
2019 में मेहसाणा पुलिस के साथ में दिल्ली गया जहां पर डॉ आनंद कुमार नाम से कोई था जो इस गिरोह को चला रहा था। लेकिन उस जगह पर पहुंचने पर हमारे हाथ कुछ नहीं लगा। हमनें प्रायवेट बैंक से जाकर सबूत जुटाने की कोशिश की तो पता चला ऐसे कई लोग हैं जिनके साथ ऐसा फ्रॉड हुआ है।
इसके बाद यह घटना पुलिस की तरफ से ठंडे बस्ते में डाल दी गई लेकिन मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी, 2023 में मैंने और सबूत जुटाकर मेहसाणा पुलिस एसपी से शिकायत की, अब जब नीट पर सवाल उठना शुरू हुआ है तो लगता है कि शायद वो धोखेबाज पकड़े जाएं।
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