सेबी ने लगाई इस कंपनी के स्टॉक स्प्लिट पर रोक, 85% तक टूट चुका है शेयर
- जेनसोल इंजीनियरिंग को लेकर एक बार फिर बड़ी खबर सामने आ रही है। सेबी ने रिपोर्ट में हेराफेरी करने और डायवर्सन का पता लगाने के कारण जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रमोटरों को आगामी स्टॉक स्प्लिट कार्रवाई को रोकने से रोक दिया है।

Gensol Engineering Stock Split: जेनसोल इंजीनियरिंग को लेकर एक बार फिर बड़ी खबर सामने आ रही है। सेबी ने रिपोर्ट में हेराफेरी करने और डायवर्सन का पता लगाने के कारण जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रमोटरों को आगामी स्टॉक स्प्लिट कार्रवाई को रोकने से रोक दिया है। सेबी ने जेनसोल इंजीनियरिंग के खातों की जांच के लिए एक फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया है। इसने अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को कंपनी में निदेशक बनने से भी रोक दिया है। बता दें कि कंपनी ने बीते दिनों 1:10 के रेशियो से स्टॉक स्प्लिट का ऐलान किया था। कंपनी के शेयर में लगातार गिरावट देखी जा रही है और इस साल अब तक यह शेयर 85% तक टूट गया है।
शनिवार को दी गई थी जानकारी
शनिवार को एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए कंपनी ने अपने इक्विटी शेयरों को 1:10 के रेशियो में विभाजित करने की घोषणा की थी। कंपनी ने कहा था कि सालाना बैठक में ₹10 के फेस वैल्यू वाले शेयर को ₹1 के फेस वैल्यू में विभाजित करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। प्रस्तावित किए जाने वाले अन्य प्रस्तावों में कंपनी के प्रमोटर समूह कैटेगरी के सदस्यों को तरजीही आधार पर सिक्योरिटीज जारी करना भी शामिल है।
शेयरों का हुआ है बुरा हाल
बता दें कि कंपनी के शेयर में आज मंगलवार को 5% का लोअर सर्किट लगा था और यह शेयर 126.55 रुपये के 52 वीक लो प्राइस पर पहुंच गया था। पिछले एक साल में यह शेयर 86% तक टूट गया है। बता दें कि बीएसई और एनएसई ने जेनसोल की सिक्योरिटी को ईएसएम (बढ़ी हुई निगरानी उपाय) ढांचे के तहत रखा है। एक्सचेंजों ने 1,000 करोड़ रुपये से कम मार्केट कैप (एम-कैप) वाली मुख्य कंपनियों को ईएसएम ढांचे के तहत रखा है।
कंपनी को लगातार लग रहा झटका
संकट में फंसी कंपनी को हाल ही में झटका लगा जब इसने आपसी सहमति से रेफेक्स ग्रीन मोबिलिटी लिमिटेड (आरजीएमएल) द्वारा 2,997 इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के प्रस्तावित परिसंपत्ति अधिग्रहण के साथ आगे न बढ़ने का फैसला किया।इससे पहले, कंपनी को रेटिंग एजेंसियों केयर और आईसीआरए से कई क्रेडिट डाउनग्रेड का सामना करना पड़ा था। आईसीआरए ने जेनसोल की कुल 2,050 करोड़ रुपये की कर्ज सुविधाओं को डाउनग्रेड किया था।