पटना में बर्ड फ्लू की पुष्टि, क्या है लक्षण और इंसानों में कैसे फैलता है; जानें सबकुछ
- Bird Flu In Patna: विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी पक्षियों में इन्फ्लूएंजा ए वायरस से फैलता है। मनुष्य में एच 5 एन 1 वायरस बर्ड फ्लू का कारण बनता है। यह पक्षियों से फैलनेवाला सबसे खतरनाक वायरस है। इस बीमारी से मनुष्य के फेफड़ा, सांस नली संक्रमित हो जाती है। इससे सांस लेने में तकलीफ होती है।

Bird Flu In Patna: बिहार की राजधानी पटना में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। प्रशासन ने एहतियातन अलर्ट जारी किया है। जिले के सदर अनुमंडल के मरची गांव में करीब एक हजार मुर्गियां पिछले दिनों बीमारी से मर गई थी। वहीं, नेहरू पथ स्थित एक सरकारी आवास में व्यक्तिगत तौर पर पाली गई मुर्गियों के अचानक मरने की घटना के बाद सैंपल की जांच कराई गई थी। वहां भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। मुर्गियों के सैंपल की जांच में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई है। प्रभावित इलाके में पशुपालन विभाग ने एंटी वायरस दवाओं का छिड़काव कराया है।
बीमारी का प्रकोप अधिक नहीं हो, इसलिए सदर प्रखंड के कई गांव में साफ-सफाई कराई जा रही है। पॉल्ट्री फार्म वालों को विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है। जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि मुर्गी फार्म संचालकों से कहा गया है कि यदि एक साथ काफी संख्या में मुर्गियां मरती हैं तो इसकी तत्काल सूचना दें।
इंसानों में भी फैलता है
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी पक्षियों में इन्फ्लूएंजा ए वायरस से फैलता है। मनुष्य में एच 5 एन 1 वायरस बर्ड फ्लू का कारण बनता है। यह पक्षियों से फैलनेवाला सबसे खतरनाक वायरस है। इस बीमारी से मनुष्य के फेफड़ा, सांस नली संक्रमित हो जाती है। इससे सांस लेने में तकलीफ होती है। पीड़ित व्यक्ति का समय पर उपचार नहीं होने पर संक्रमण मस्तिष्क तक पहुंच जाता है और ऐसी स्थिति में मौत भी हो सकती है।
कैसे फैलती है बीमारी
पीड़ित पक्षी के लार, नाक से पानी का स्राव और मल से वायरस स्वस्थ पक्षियों तक पहुंचता है। प्रभावित क्षेत्र में बर्ड फ्लू हवा में उड़ने वाले मल, धूल और मिट्टी से फैल सकता है। यदि प्रभावित इलाके में संक्रमण की चेन को तोड़ा नहीं गया तो बीमारी का फैलाव तेजी से होने लगता है। वायरस से पीड़ित पक्षी एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचकर संक्रमण को फैला सकते हैं।
बर्ड फ्लू के लक्षण
मनुष्यों में बर्ड फ्लू में लोगों को बुखार, खांसी, थकान, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना, सिरदर्द जैसे लक्षण हैं। निमोनिया, एन्सेफलाइटिस मस्तिष्क की सूजन और दस्त होना इस बीमारी का प्रमुख लक्षण है। यदि मुर्गियां पीड़ित हैं तो अचानक कई की मौत हो सकती है, पीड़ित मुर्गियां खाना-पानी नहीं खाती हैं। उनके मुंह और पैर नीला पड़ जाता है। सांस लेने में दिक्कत, खांसी-घरघराहट, अंडे देना बंद कर देती हैं। पतला और हरा दस्त होने लगती है।
लोगों से सावधानी बरतने की अपील
जिला पशुपालन पदाधिकारी ने कहा कि आम लोगों से अपील की गई है कि वर्तमान हालात को देखते हुए खाने-पीने में सावधानी बरतें। उन्होंने बताया कि एंटी वायरस दवाओं का छिड़काव करने के बाद मरची गांव के आसपास की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, फिर भी विशेष सावधानी बरती जा रही है। जिस इलाके में मुर्गी पालन हो रहा है वहां टीम भेजकर बीमारी के बाबत छानबीन की जा रही है।