प्रशांत किशोर को नीतीश के गांव जाने से रोकने की वजह आई सामने, प्रशासन बोला- जांच के बाद कड़ा एक्शन
जिला प्रशासन ने कहा कि श्रम कल्याण मैदान बिहार शरीफ में जन सुराज पार्टी नालंदा के द्वारा जनसभा कार्यक्रम आयोजित किए जाने की अनुमति प्रदान की गई थी। लेकिन अनुमति प्राप्त स्थल पर अपनी सभा न करके अन्य जगहों पर सभा की कोशिश की गई। जिसकी जांच के बाद कड़ी कार्रवाई होगी

नालंदा जिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह गांव कल्याण बिगहा में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को जाने से रोक दिया गया। इस दौरान प्रशासन के लोगों के साथ पीके बीच बहस भी हो गई। प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रशासन ने मुझे 3 किलोमीटर के पूरे क्षेत्र में किसी भी गांव में जाने से नहीं रोका। लोगों ने मुझे बताया कि उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है और उन्होंने भ्रष्टाचार की भी शिकायत की है। अब प्रशासन मुझे बता रहा है कि मैं कल्याण बिगहा नहीं जा सकता क्योंकि ऊपर से ऐसे आदेश हैं।
हालांकि बिहारशरीफ जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले पर बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि प्रशासन ने कहा कि श्रम कल्याण मैदान बिहार शरीफ में जन सुराज पार्टी नालंदा के द्वारा जनसभा कार्यक्रम आयोजित किए जाने की अनुमति प्रदान की गई थी। प्रशासन ने कहा कि पीके की जनसुराज पार्टी के द्वारा अनुमति प्राप्त स्थल पर अपनी सभा न करके अन्य जगहों पर सभा और अभियान करने की कोशिश की गई। पार्टी के लोगों ने स्वयं अपने द्वारा दिए गए आवेदन का पालन नहीं किया।
प्रशासन ने जारी बयान में कहा कि स्थानीय लोगों से सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ने कानूनी कार्रवाई की। ऐसा पता चलता है कि कानून व्यवस्था खराब करने की मंशा से जन सुराज पार्टी ने ऐसा किया है। इसकी विस्तृत जांच जिला प्रशासन के द्वारा की जाएगी और गड़बड़ी फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
वहीं इस पूरे मामले पर पीके ने कहा कि नीतीश जी ने यहां अच्छी सड़कें बनाई हैं और ऐसा पूरे बिहार में होना चाहिए। यह बिहार में नई परंपरा शुरू हुई है, दो दिन पहले राहुल गांधी बिहार में थे। ऐसी चीजें बिहार में आम नहीं थीं। मुझे नहीं लगता कि नीतीश कुमार ऐसे आदेश दे सकते हैं, राज्य में अधिकारियों का जिस तरह का 'जंगल राज' चल रहा है