डोली की जगह उठी अर्थी तो नम हो गई हर आंख
Kannauj News - जलालाबाद में शादी की तैयारी के दौरान दुल्हन की अचानक तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। परिवार में मातम छा गया, जहां पहले खुशियों का माहौल था। दुल्हन के अंतिम संस्कार के समय सभी की आंखें नम थीं। बारात...

जलालाबाद। जिस घर में शादी की तैयारी चल रही थीं बारात के स्वागत की तैयारी में पूरा परिवार लगा था। अचानक दुल्हन के पेट में दर्द से तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत से सारी खुशियां मातम में बदल गईं। जिस घर में मंगलगीत गाए जा रहे थे वहां करुण क्रंदन और चीखों की आवाजें गूंजने लगीं। जिस बेटी को डोली में बिठाकर ससुराल विदा करना था उसे अर्थी पर ले जाने वाले लोगों के हांथ कंपकपा उठे। रविवार को उसका अंतिम संस्कार हुआ तो हर किसी की आंख नम हो गई। ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम किसवापुर निवासी महेश बाथम की पुत्री रिंकी शादी शनिवार की देर रात बारात आनी थी।
बरात रास्ते में थी और घर पर बारात के स्वागत की तैयारियां चल रही थीं। तभी अचानक दुल्हन के पेट में दर्द हुआ और उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने उसे निजी चिकित्सा के यहां ले जाकर दवा दिलाई। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ी और मौत हो गई। जिस बेटी की बारात के स्वागत की तैयारी चल रही थी और उसे खुशी खुशी विदा करना था। अचानक उसकी मौत की खबर सुन परिजनों में कोहराम मच गया। जिस घर में शादी की शहनाई बज रही थी वहां मातम पसर गया। शादी के लिए किया गया सारा इ्रंतजाम धरा रह गया और घर परिवार में करुण क्रंदन मच गया। उधर बारात लेकर आ रहे दूल्हे को जब इसकी खबर मिली तो वहां भी कोहराम मच गया। बाराती रास्ते से ही वापस लौट गए। हालांकि दूल्हा और उसके परिवार के लोग दुल्हन के घर पहुंचे। उधर दुल्हन के परिवार में मातम पसरा रहा। पिता महेश सहित घर के लोगों की आंखें डबडबा रही थीं। रविवार को बेटी का अंतिम संस्कार करने के लिए जब पिता ने उसकी अर्थी को कंधा दिया तो लोगों की आंखें नम हो गईं। हर कोई इसे विधि का विधान कह तस्ल्ली दे रहा था। लोग चर्चा कर रहे थे कि जिस बेटी की डोली विदा करनी थी उसे अर्थी में बैठाकर हमेशा के लिए विदा करना पड़ रहा है। पिता को बेटी की अर्थी को कंधा देते देख हर किसी की आंख भर आई। परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
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