तरारी में पहली बार बीजेपी की जीत, सुनील पांडे के बेटे ने खिलाया कमल; उपचुनाव हारा लेफ्ट
बिहार की तरारी विधानसभा सीट पर बीजेपी ने पहली बार जीत दर्ज की है। बाहुबली सुनील पांडे उर्फ नरेंद्र नाथ पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत ने यहां सीपीआई माले को हराकर कमल खिलाया।
बिहार में भोजपुर जिले की तरारी विधानसभा सीट पर पहली बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कमल खिला है। उपचुनाव में बीजेपी के विशाल प्रशांत ने लेफ्ट पार्टी सीपीआई माले के प्रत्याशी राजू यादव को 10612 वोटों के अंतर से हरा दिया। विशाल, पूर्व विधायक एवं बाहुबली नेता सुनील पांडेय उर्फ नरेंद्र पांडेय के बेटे हैं। उपचुनाव से पहले ही दोनों पिता-पुत्र पशुपति पारस की रालोजपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे।
सुनील पांडे उर्फ नरेंद्र पांडेय की गिनती बिहार के उन बाहुबलियों में होती है, जो राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उन्हें डॉक्टर डॉन के नाम से भी जाना जाता है। तरारी सीट 2008 के परिसीमन से पहले पीरो विधानसभा के नाम से जानी जाती थी। बाहुबली सुनील पांडे पीरो और तरारी से चार बार विधायक रहे। शुरुआत में वे समता पार्टी और जेडीयू से जुड़े थे, बाद में बीजेपी में शामिल हो गए। 2020 में उन्होंने बीजेपी से बागी होकर तरारी से निर्दलीय चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे। उन्होंने बीजेपी के कौशल विद्यार्थी को तीसरे नंबर पर धकेल दिया था।
इसके बाद सुनील पांडेय पशुपति पारस के गुट वाली रालोजपा से जुड़ गए। पारस सुनील पांडेय के दम पर 2024 के उपचुनाव में तरारी सीट मांग रही थी। मगर बीजेपी ने उन्हें अपने खेमे में कर दिया और उनके बेटे विशाल प्रशांत को टिकट दिया। पहली बार चुनावी मैदान में उतरे विशाल ने अपने पिता की साख को बचाकर तरारी में कमल खिला दिया।
उपचुनाव में नहीं चला लेफ्ट का जादू
तरारी विधानसभा उपचुनाव में लेफ्ट पार्टी सीपीआई माले का जादू नहीं चल पाया। पिछले दो चुनावों से लगातार यहां माले के सुदामा प्रसाद जीत रहे थे। इस साल लोकसभा चुनाव लड़कर वे आरा से सांसद भी बन गए। उनके इस्तीफे से खाली हुई तरारी सीट पर उपचुनाव में माले ने राजू यादव को टिकट दिया। मगर वे यहां पर लाल झंडा नहीं फहरा सके।