राज्य में सत्तारूढ़ डीएमके की ओर से इस घटना पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को आर्थिक सहायता देने की घोषणा जरूर की।
खीरी जिले को शारदा नदी की बाढ़ से बचाने व उसकी डीसिल्टिंग कराने के लिए जल शक्ति मंत्रालय के केंद्रीय जल व विद्युत अनुसंधानशाला पुणे की टीम पलिया पहुंच गई। इसी क्रम में बुधवार को संस्था के संयुक्त आयुक्त ने शारदा के दोनों तटों का निरीक्षण किया।
राप्ती व रोहिन नदी उफान पर हैं। 29 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। गोरखपुर शहर से सटे एक दर्जन से अधिक गांवों में भी बाढ़ का पानी घुसा। पशुओं के साथ बाढ़ प्रभावित लोग बांध पर शरण ले रहे हैं।
बारिश के कारण यूपी की नदियां उफान पर हैं। नेपाल से छोड़े जा रहे पानी के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। रविवार को कन्नौज में बारिश के बीच कच्चा मकान ढहने से दो, सुलतानपुर में दीवार गिरने से एक और ऊंचाहार, सोनभद्र, गाजीपुर में आकाशीय बिजली एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई है।
यूपी में हो रही लगातार भारी बारिश से राप्ती, घाघरा और सरयू नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। अगर नेपाल से पानी छोड़ा गया तो हालात गंभीर हो सकत हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बारिश से उत्पत्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को लेकर अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता मुहैया कराने का निर्देश दिया।
यूपी में बादल छाए रहने और बारिश का सिलसिला रविवार को भी चलेगा। तापमान भी कम रहेगा। 30 सितंबर के बाद आसमान साफ हो सकता है। इसके बाद तापमान में फिर बढ़ोत्तरी हो सकती है।
शनिवार की सुबह कसया थाना क्षेत्र में कुड़वा दिलीपनगर के सोनरा नदी पर बने पुल के एप्रोच का काफी हिस्सा बारिश में बह गया। उधर, बाल्मीकि गडंक बैराज से फिर 3 लाख 21 हजार क्यूसेक पानी छोडा गया है। नारायणी नदी खतरे के लाल निशान 96 मी. से सिर्फ 8 सेमी नीचे रह गई है।
यूपी में बुधवार शाम को मौसम ने करवट ली है। बादल छाए और ठंडी हवाएं चलीं। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक अगले चार दिनों तक हल्की बारिश हो सकती है। तापमान में हल्की गिरावट भी दर्ज की जएगी।
यूपी में गंगा के साथ पांडु नदी भी उफान पर है। गंगा अभी भी चेतावनी बिंदु से ऊपर बह रही हैं, पिछले 24 घंटे में 23 सेंटीमीटर जलस्तर और बढ़ गया है। कानपुर बैराज पर इतना दबाव बढ़ चुका है कि गुरुवार को यहां से इस सीजन का सबसे अधिक 3,89,177 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।