बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा करने गए मंत्री, गुस्साए लोगों ने फेंका कीचड़; वीडियो वायरल
- राज्य में सत्तारूढ़ डीएमके की ओर से इस घटना पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को आर्थिक सहायता देने की घोषणा जरूर की।
तमिलनाडु सरकार में मंत्री थिरु पोनमुडी मंगलवार को राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करने गए थे। इस दौरान गुस्साए लोगों ने उनके ऊपर कीचड़ फेंक दिया। भाजपा नेता अन्नामलाई ने इस घटना का वीडियो एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि यह जनता की हताशा का नतीजा है जो अब उबाल मारने लगी है। वीडियो के कैप्शन में अन्नामलाई ने लिखा, 'तमिलनाडु के मौजूदा हालात ऐसे हो गए हैं। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री चेन्नई की सड़कों पर फोटो खिंचवाने में बिजी थे जहां बहुत कम बारिश हुई। चेन्नई के अलावा दूसरी जगहों पर क्या हो रहा है, उस पर नजर तक नहीं डाली गई। इसे लेकर अब गुस्सा फूट रहा है।'
राज्य में सत्तारूढ़ डीएमके की ओर से इस घटना पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को आर्थिक सहायता देने की घोषणा जरूर की। चक्रवात फेंगल से हुए नुकसान को झेल रहे विल्लुपुरम, कुड्डालोर और कल्लाकुरिची जिलों के परिवारों को 2-2 हजार रुपये की राहत प्रदान की जाएगी। राज्य में बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सचिवालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह निर्देश दिया। विल्लुपुरम, कुड्डालोर और कल्लाकुरिची जिलों में भारी बारिश के कारण जिन परिवारों की आजीविका प्रभावित हुई है, उन्हें परिवार के राशन कार्ड के आधार पर 2,000 रुपये की राहत राशि प्रदान की जाए। इन जिलों में दो दिनों से अधिक समय तक अभूतपूर्व बारिश हुई।
परिजनों को खोने वाले परिवार को 5 लाख का मुआवजा
बैठक में विल्लुपुरम, कल्लाकुरिची, तिरुवन्नमलाई, कुड्डालोर, धर्मपुरी और कृष्णागिरी जिलों में बारिश से प्रभावित लोगों को राहत सहायता देने पर चर्चा हुई। चक्रवात या बाढ़ के कारण अपने परिजनों को खोने वाले प्रत्येक परिवार को मुआवजे के रूप में 5-5 लाख रुपये देने का निर्णय लिया गया। सरकार ने क्षतिग्रस्त झोपड़ियों के लिए 10,000 रुपये मुआवजा देने, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त झोपड़ियों के लिए आवास योजना के तहत मकान बनवाने को प्राथमिकता देने, किसानों को सिंचित फसलों सहित वर्षा से क्षतिग्रस्त धान की फसलों के लिए प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये राहत प्रदान करने, क्षतिग्रस्त बारहमासी फसलों और पेड़ों के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर राहत प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)