Shradh : पितरों का ऋण श्राद्ध के जरिए चुकाया जा सकता है। पितृपक्ष में श्राद्ध करने से पितृगण प्रसन्न रहते हैं। पितृपक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण या पिंडदान किया जाता है।
पितृ पक्ष निकट आ रहा है। हमारे मन में कई बार यह प्रश्न उठता है कि श्राद्ध क्यों किया जाता है? किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद किया जाने वाला श्राद्ध दिवंगत आत्मा की किस प्रकार सहायता करता है?
आश्विन कृष्ण पक्ष पर रविवार को सर्वपितृ अमावस्या है। सर्वपितृ अमावस्या के साथ एक पखवाड़े तक चले पितृपक्ष का विसर्जन के साथ समापन हो जाएगा। इस मौके पर जातक महाविष्णु प्रित्यर्थ के बाद ब्राह्मणों को भोज
Sarva Pitru Amavasya 2022 : पितृ विसर्जन का पर्व आज रविवार को मनाया जाएगा। इसकी तैयारी में लोग शनिवार से ही लग गए थे। कुश, तिल, पिन्डदान व श्राद्ध के सामानों की व्यवस्था लोगों ने दिनभर में कर लिया।
धर्म शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष के 15 दिनों की प्रत्येक तिथि को श्राद्ध के लिए निर्धारित किया गया है। मगर अमावस्या पितरों के लिए परम फलदायी है। इसे सर्व पितृ विसर्जनी अमावस्या भी कहते हैं।
पितृपक्ष में यदि कोई व्यक्ति तिथि पर श्राद्ध न कर पाया हो या तिथि ज्ञात न हो तो पितृ विसर्जनी अमावस्या के दिन श्राद्ध कर तृप्त कर सकता है। बताया कि अगर श्राद्ध न हो सके तो ब्राह्मणों को भोजन कराना चाह
हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। आश्विन मास में पड़ने वाली अमावस्या का महत्व कई
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कई तरह के दोष होते हैं जिनकी वजह से जीवन में परेशानियां आने लगती है। उन्हीं दोषों में से एक है पितृ दोष। पितृ दोष की वजह से कई तरह की परेशानियां होने लगती है।
‘पितरो यस्य संतुष्टा:, संतुष्टा: सर्वदेवता: अर्थात पितरों की संतुष्टि से ही देवताओं की संतुष्टि होती है। पितृपक्ष में 15 दिनों तक पितरों को जल, श्राद्ध और तर्पण देकर संतुष्ट किया जाता है।
पितृ पक्ष का विसर्जन 25 सितंबर दिन रविवार को होगा। अंतिम दिन पिण्डदान करने के साथ ब्राह्मण भोजन कराकर क्षमतानुसार दक्षिणा दें। इससे पितर प्रसन्न होकर सुख, समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
पितृपक्ष को महालय पर्व भी कहा जाता है। इस पर्व का एक-एक दिन तीर्थ-स्थलों की तरह पवित्र है। महालय का अर्थ भी महान घर से है। यानी हमारा घर महत्त्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि पितृलोक से पितर आते हैं।
Pitru Paksha Shradh 2022 : इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। कल चतुर्दशी श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होते है
पितृ विसर्जन 25 सितंबर यानी रविवार को होगा। उसके बाद नवरात्र और शुभ दिन शुरू हो जाएंगे। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पांडेय ने बताया कि इस साल पितृ विसर्जन सर्वपैत
Pitru Paksha:पितृपक्ष में पिंडदान के समय ब्राह्मण भोजन कराने से पहले कौआ को भोजन कराने का विधान है। लेकिन कौए कम दिखाई दे रहे हैं। बड़ी मशक्कत से एक-दो कौए दिखते हैं तो लोग उन्हें दाना दे देते हैं। गय
Pitru Paksha Shradh 2022: इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। आज त्रयोदशी श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होते हैं
इस साल पितृों का विसर्जन 25 सितंबर को हो जाएगा। पितृ अमावस्या को पित- विसर्जन अमावस्या कहते हैं, इस दिन पितरों को विदाकर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है। इस बार पितृपक्ष की अमावस्या तिथि पर मोक्ष अमावस्य
sarvapitri amavasya : पितरों की तिथि याद न होने पर सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है। यह मोक्षदायिनी अमावस्या 25 सितंबर को है। पितृ परिवार की खुशहाली देखकर प्रसन्न होते हैं।
Pitru Paksha Shradh 202 dwadashi shradh puja vidhi samagri list : इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। कल द्वादशी श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है।
shradh amavasya : इस वर्ष पितृपक्ष की अमावस्या तिथि पर मोक्ष अमावस्या का योग बन रहा है। इस तिथि पर मात्र जल तर्पण से पितृ न सिर्फ तृप्त होंगे अपितु उनके आशीर्वाद से सफलता और समृद्धि के द्वार भी खुलेंग
Ekadashi shradh date 2022: श्राद्ध एकादशी के दिन भक्तों को श्राद्ध और तर्पण के साथ पिंडदान करना चाहिए। इसके साथ ही कौओं, गरीबों और गायों को भोजन कराना चाहिए।
धर्मसिंधु के अनुसार श्राद्ध के 96 अवसर बताए गए हैं। एक साल की 12 अमावस्याएं, चार पुणादि तिथियां, 14 मन्वादि तिथियां, 12 संक्रांतियां, 12 वैधृति योग, 12 व्यतिपात योग, 15 पितृपक्ष, पांच अष्टका श्राद्ध,
पितरों के प्रति श्रद्धा और उन्हें याद करने का पक्ष है पितृ पक्ष। यह समय 25 को पितृ विसर्जन अमावस्या तक चलेगा। पितृपक्ष के 15 दिनों में लोग अपने पितरों को जल देते हैं। आपको बता दें कि श्राद्ध का अर्थ
Dashami tithi 2022 date: हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। आइए जानते हैं, दशमी श्राद्ध विधि-
Pitru Paksha Shradh 2022 : इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। कल नवमी श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। आइए जानते हैं, नवमी श्राद्ध विधि...
ashtami shradh : इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। कल अष्टमी श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू हो जाते हैं।
अयोध्या में गुरुवार को पितृपक्ष में श्राद्ध करने गए गोंडा के एक व्यक्ति सरयू नदी की धारा में बह गए। जान बचाने के लिए सवा दो घंटे तक वह नदी की लहरों से संघर्ष करते रहे। पांच किलोमीटर दूर बस्ती में बचे।
इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। कल षष्ठी श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरु होकर आश्विन मास की अमावस्या तक चलते
इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। कल षष्ठी श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरु होकर आश्विन मास की अमावस्या तक चलते
पुरखों का श्राद्ध पितृपक्ष के दौरान जिस तिथि पर पूर्वजों की मृत्यु हुई हो उसी तिथि पर उनका श्रद्धाभाव से श्राद्ध करना चाहिए। यह भी कहा जाता है कि अमावस्या तिथि पर भी श्राद्धकर्म आदि किया जाता है। इस
Kunwara Panchami 2022 Date: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। पितृ पक्ष में तिथिनुसार श्राद्ध का विधान है। जानें कुंवारा पंचमी के दिन किन पितरों का किया जाता है श्राद्ध-