Hindi Newsधर्म न्यूज़Ekadashi shradh 2022: Ekadashi shradh on 21 september know time importance worship method and pujan samagri

Ekadashi shradh 2022: एकादशी श्राद्ध आज, जानें समय, महत्व, पूजा विधि व पूजन सामग्री लिस्ट

Ekadashi shradh date 2022: श्राद्ध एकादशी के दिन भक्तों को श्राद्ध और तर्पण के साथ पिंडदान करना चाहिए। इसके साथ ही कौओं, गरीबों और गायों को भोजन कराना चाहिए।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 21 Sep 2022 05:19 AM
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Ekadashi shradh 2022: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। पितृ पक्ष में पड़ने के कारण इस एकादशी का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन पिंडदान व तर्पण आदि करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल एकादशी श्राद्ध या इंदिरा एकादशी 21 सितंबर, बुधवार को है।

इंदिरा एकादशी कब से कब तक-

एकादशी तिथि प्रारम्भ - सितंबर 20, 2022 को 09:26 पी एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त - सितंबर 21, 2022 को 11:34 पी एम बजे

एकादशी श्राद्ध शुभ मुहूर्त 2022-

एकादशी श्राद्ध बुधवार, सितम्बर 21, 2022 को
कुतुप मूहूर्त - 11:50 ए एम से 12:38 पी एम
अवधि - 00 घण्टे 49 मिनट्स
रौहिण मूहूर्त - 12:38 पी एम से 01:27 पी एम
अवधि - 00 घण्टे 49 मिनट्स
अपराह्न काल - 01:27 पी एम से 03:53 पी एम
अवधि - 02 घण्टे 26 मिनट्स

श्राद्ध विधि-

किसी सुयोग्य विद्वान ब्राह्मण के जरिए ही श्राद्ध कर्म (पिंड दान, तर्पण) करवाना चाहिए।  श्राद्ध कर्म में पूरी श्रद्धा से ब्राह्मणों को तो दान दिया ही जाता है साथ ही यदि किसी गरीब, जरूरतमंद की सहायता भी आप कर सकें तो बहुत पुण्य मिलता है।  इसके साथ-साथ गाय, कुत्ते, कौवे आदि पशु-पक्षियों के लिए भी भोजन का एक अंश जरूर डालना चाहिए। 

अगर संभव हो तो गंगा नदी के किनारे पर श्राद्ध कर्म करवाना चाहिए। अगर यह संभव न हो तो घर पर भी इसे किया जा सकता है। जिस दिन श्राद्ध हो उस दिन ब्राह्मणों को भोज करवाना चाहिए। भोजन के बाद दान दक्षिणा देकर भी उन्हें संतुष्ट करें। श्राद्ध पूजा दोपहर के समय शुरू करनी चाहिए।

योग्य ब्राह्मण की सहायता से मंत्रोच्चारण करें और पूजा के पश्चात जल से तर्पण करें। इसके बाद जो भोग लगाया जा रहा है उसमें से गाय, कुत्ते, कौवे आदि का हिस्सा अलग कर देना चाहिए। इन्हें भोजन डालते समय अपने पितरों का स्मरण करना चाहिए। मन ही मन उनसे श्राद्ध ग्रहण करने का निवेदन करना चाहिए।

श्राद्ध पूजा की सामग्री: 

रोली, सिंदूर, छोटी सुपारी , रक्षा सूत्र, चावल,  जनेऊ, कपूर, हल्दी, देसी घी, माचिस, शहद,  काला तिल, तुलसी पत्ता , पान का पत्ता, जौ,  हवन सामग्री, गुड़ , मिट्टी का दीया , रुई बत्ती, अगरबत्ती, दही, जौ का आटा, गंगाजल,  खजूर, केला, सफेद फूल, उड़द, गाय का दूध, घी, खीर, स्वांक के चावल, मूंग, गन्ना।

पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां-

द्वादशी श्राद्ध- 22 सितंबर 2022
त्रयोदशी श्राद्ध - 23 सितंबर 2022
चतुर्दशी श्राद्ध- 24 सितंबर 2022
अमावस्या श्राद्ध- 25 सितंबरर 2022

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