चीनी जीडीपी पर आने वाली रिपोर्ट में औद्योगिक उत्पादन, खुदरा बिक्री और निश्चित निवेश के मासिक आंकड़ों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है।ब्लूमबर्ग के मुताबिक, चीन में जून में उल्लेखनीय मंदी देखने को मिली
जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने कहा है कि चीन के पास अभी भी कोरोना की उत्पत्ति से जुड़ी कई जानकारियां हैं, जिसे उसने अभी तक उपलब्ध नहीं कराया है
डायरेक्टर ने कहा कि एफबीआई ने काफी समय से यह आकलन किया है कि यह महामारी की उत्पत्ति एक संभावित लैब से हुई। यह एफबीआई की पहली सार्वजनिक पुष्टि है कि महामारी का वायरस कैसे पैदा हुआ।
फाइनेंशियल पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी ने चीन के विकास के पहिए को पंचर कर दिया है।अक्टूबर 2022 में IMF द्वारा प्रकाशित पूर्वानुमानों की तुलना में चीन की GDPवृद्धि में कमी आई है
लाखों चीनी देश भर में हॉलिडे रीयूनियन के लिए यात्रा कर रहे हैं। सरकार ने आवाजाही में हाल ही में ढील दी है। आशंका जताई जा रही है कि संक्रमण शहरों के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी फैल सकता है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिमी चीनी शहर चोंगकिंग दंगे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है। यहां वेतन विवाद को लेकर सैकड़ों श्रमिकों ने एक कोविड टेस्ट किट निर्माता पर हमला कर दिया।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने भी यह कहा है कि केवल अस्पतालों में होने वाली मौतों को ही गिना गया। इसका अर्थ है कि घर पर संक्रमण से हुए मौत के किसी मामले को शामिल नहीं किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस साल चीन में कम से कम 10 लाख कोविड से संबंधित मौतों की भविष्यवाणी की है। चीन ने इससे पहले महामारी शुरू होने के बाद से सिर्फ 5,000 के करीब मौतों की सूचना दी थी।
चीन सरकार ने महामारी रोधी कदमों को अचानक हटाने के बाद दिसंबर की शुरुआत में कोविड-19 के मामलों और इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा देना बंद कर दिया था। हालांकि अब ताजा आंकड़े सामने आए हैं।
चीन में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति काफी भयावह बनी हुई है। चीन की राजधानी बीजिंग में स्थिति बदतर बताई जा रही है। यहां के सारे अस्पताल मरीजों से फुल हो चुके हैं और अब बेड नहीं बचे हैं।
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार,अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि चीन में रोजाना 5000 के करीब मौतें हो रही हैं।विशेषज्ञों के मुताबिक 2023 के मध्य तक चीन में 10 लाख मौतें हो सकती हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते उन देशों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की धमकी दी थी जिन्होंने चीन के नागरिकों के लिए कोविड संबंधी जांच जरूरी की है। इसलिए इसे प्रतिशोध के तौर पर भी देखा जा रहा है।
पिछले कुछ हफ्तों में चीन में कोरोना वायरस के नए मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। ऐसे में भारत, अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों ने चीनी यात्रियों को लेकर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं।
चीन में कोरोना से हालात संभल नहीं रहे हैं। वहीं, समस्या पर ध्यान देने के बजाए चीन आंकड़ों को छुपाने में लगा है। दूसरी तरफ डब्लूएचओ से समेत अन्य देशों ने उसके ऊपर कोरोना केसेज छुपाने का आरोप लगाया है।
चीनी सरकार के नए आदेश के मुताबिक, रविवार से 60,000 लोगों को प्रतिदिन बिना क्वारंटीन के चीन-हॉन्गकॉन्ग सीमा पार करने की अनुमति दी जाएगी।उधर,सीमा फिर से खोलने से पहले घबराहट में दवा दुकानें खाली हो गईं।
अब, चीनी शख्सियतों की मौत के आंकड़ों को सार्वजनिक किया जा रहा है। 40 वर्षीय ओपेरा सिंगर चू लानलान की पिछले महीने हुई मौत ने कई लोगों को झकझोर कर रख दिया।
चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच वहां के अस्पताल भी फुल हो गए हैं। खासकर राजधानी बीजिंग में स्थिति ज्यादा गंभीर हो गई है। अस्पताल में बेड फुल हो गए हैं, मरीजों को नीचे लेटाया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि चीन का मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर बेहद बुरे दौर में है। कहा जा रहा है कि ये दोनों ही सेक्टर्स 2022 के आखिर में 2020 के बाद सबसे नीचले स्तर पर थे।
सिंगापुर पोस्ट के मुताबिक चीन में यूनिवर्सिटी प्रोफेसरों को भी पार्टी और सरकार के खिलाफ आलोचनाओं से निपटने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा वेस्टर्न टेक्स्टबुक पर बैन लगा दिया गया है।
भारत ने एक जनवरी, 2023 से चीन, सिंगापुर, हांगकांग, कोरिया गणराज्य, थाईलैंड और जापान से सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में आने वाले यात्रियों के आरटी-पीसीआर निगेटिव जांच रिपोर्ट अनिवार्य कर दिया है।
चीन ने देश में बड़े पैमाने पर विरोध के बादइसी महीने की शुरुआत में अपनी 'जीरो-कोविड' नीति को समाप्त कर दिया था और लगभग सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने का फैसला किया था। 8 जनवरी से क्वारंटीन भी खत्म करेगा
वुहान के कई मरीजों के सीटी स्कैन से पता चला है कि उनके फेफड़े सफेद हो चुके हैं। यह लंग्स पर संक्रमण का बुरा प्रभाव और कोविड निमोनिया को दर्शाता है। यह साल 2020 से ज्यादा भयावह स्थिति को दर्शाता है।
चीन अभी भी दुनिया के सामने देश में कोरोना वायरस से मचे कोहराम को छिपाने की कोशिश कर रहा है। चीन सरकार ने विदेशी यात्रियों पर लगे कई तरह के कोरोना प्रतिबंधों को हटाने का फैसला किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने पहले संभावित जोखिमों की चेतावनी दी थी और लोगों से अवैध चैनलों से दवाएं नहीं खरीदने का आग्रह किया था।
देश में बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच जनवरी आते-आते चीन व्यावहारिक रूप से अपनी तीन साल पुरानी 'शून्य कोविड नीति' और अपने अंतरराष्ट्रीय अलगाव को त्याग देगा।
China Corona Updates: चीन में कोरोना वायरस के मामलों से जुड़ी जानकारी अब महीने में एक बार ही जारी की जाएगी। कोरोना के मामलों को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ आयोग अब महामारी से जुड़ी जानकारी साझा नहीं करेगा।
चीन में एक बार फिर कोरोना महामारी की सुनामी चल रही है। इससे निपटने के बजाय वह ऐसे कदम उठा रहा है जो दुनिया के लिए बहुत बुरा साबित हो सकती है।
चीनी मीडिया की रिपोर्ट है कि सरकार की टीम लोगों के बीच यह संदेश दे रहे हैं कि उन्हें जानलेवा कोरोना नहीं नॉर्मल फ्लू ने जकड़ा है। इससे बचने के लिए पारंपरिक दवाएं लेने की भी सलाह दी जा रही है।
ताजनगरी में कोविड का पहला मामला सामने आया है। संक्रमित दो दिन पहले चीन से लौटा था। यहां उसने निजी पैथोलाजी लैब में जांच कराई। कोरोना केस मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
पूर्वी चीनी प्रांत झेजियांग शहर में रोजाना 10 लाख कोरोना केस सामने आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह तो शुरुआत है, आने वाले कुछ दिनों में यह संख्या डबल हो सकती है।