चीन ने 2 देशों के नागरिकों को वीज़ा देने पर लगाई रोक, बदले की कार्रवाई या कुछ और संकेत
चीन के विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते उन देशों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की धमकी दी थी जिन्होंने चीन के नागरिकों के लिए कोविड संबंधी जांच जरूरी की है। इसलिए इसे प्रतिशोध के तौर पर भी देखा जा रहा है।
चीनी दूतावासों ने दक्षिण कोरिया और जापान के नागरिकों को अपने देश के नए वीज़े जारी करना मंगलवार को निलंबित कर दिया। चीन ने इन राष्ट्रों की ओर से उसके नागरिकों के लिए कोविड-19 जांच जरूरी करने पर जवाबी कार्रवाई करते हुए यह कदम उठाया है। टोक्यो और सियोल में स्थित चीन के दूतावासों ने संक्षिप्त ऑनलाइन नोटिस में वीज़ा जारी करने को निलंबित करने की जानकारी दी।
सियोल में चीनी दूतावास ने सोशल मीडिया मंच 'वीचैट' के अपने अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक संक्षिप्त नोटिस में कहा कि यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक कि दक्षिण कोरिया देश में ''चीनी लोगों के प्रवेश पर अपने भेदभावपूर्ण कदमों'' से पीछे नहीं हटता। इस घोषणा की जद में सैलानी, कारोबारी और अन्य तरह के वीज़ा आएंगे।
चीन के विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते उन देशों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की धमकी दी थी जिन्होंने चीन के नागरिकों के लिए कोविड संबंधी जांच जरूरी की है।
यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया के कुछ देशों ने हाल में चीन से आने वाले लोगों के लिए कोविड की जांच जरूरी की थी। अधिकारियों ने चीन में तेज़ी से फैलते वायरस को लेकर जानकारी की कमी पर चिंता व्यक्त की थी।
हालांकि यह साफ नहीं है कि सिर्फ दक्षिण कोरिया और जापान को ही क्यों निशाना बनाया गया है और क्या उन देशों के नागरिकों को भी वीज़ा जारी करने पर रोक लगाई जाएगी जिन्होंने चीन के नागरिकों के लिए कोरोना वायरस जांच जरूरी की है।
टोक्यो में चीन के दूतावास ने सिर्फ इतना कहा है कि वीज़ा जारी करना निलंबित किया गया है।
ऐसा लगता है कि घोषणा सिर्फ नए आवेदकों पर लागू होगी, क्योंकि इसमें उन लोगों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है जिनके पास फिलहाल वीज़ा हैं।
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “चीन से आने वाले यात्रियों पर वायरस रोधी उपायों को मजबूत करने के लिए हमारी सरकार का कदम वैज्ञानिक और वस्तुनिष्ठ साक्ष्य पर आधारित है।”उसमें कहा गया है, “ हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पारदर्शी तरीके से जानकारी प्रदान की है और हमने चीनी पक्ष के साथ पहले ही संवाद कर लिया है।”
जापान के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने के अनुरोध पर पहले कहा था कि अगर प्रतिबंध लगाए जाते हैं तो यह ''अफसोसजनक'' होगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार कहा, “ अफसोस की बात है कि मुट्ठी भर देशों ने विज्ञान और तथ्यों और घरेलू वास्तविकता की अवहेलना करते हुए चीन को निशाना बनाया और भेदभावपूर्ण प्रवेश प्रतिबंध उपायों पर जोर दिया है।” उन्होंने कहा कि चीन ने दृढ़ता से इसे खारिज कर दिया और पारस्परिक उपाय किए हैं।
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