BPSSC : बीपीएसएससी की वेबसाइट का पता bpssc.bih.nic.in की बजाय bpssc.bihar.gov.in होगा। आयोग ने कहा है कि भर्ती विज्ञापनों से जुड़ी सभी सूचनाएं नए एड्रेस bpssc.bihar.gov.in पर ही जारी की जाएगी।
सिपाही भर्ती परीक्षा में फेल होने के बाद नालंदा जिले की बड़ी पहाड़ी से एक युवती ने छलांग लगा दी। युवती पहाड़ी से कूदकर बीच में ही एक पेड़ के सहारे हवा में लटक गई। फिर मदद को चिल्लाने लगी। दो घंटे बाद उसका रेस्क्यू किया गया।
केन्द्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती), बिहार की आधिकारिक वेबसाइट का डोमेन बदल गया है। अब नई वेबसाइट पर सिपाही भर्ती की सारी जानकारी मिलेगी। केंद्रीय चयन पर्षद की वेबसाइट पहले https://csbc.bih.nic.in थी। जो अब बदलकर https://esbc.bihar.gov.in हो गई है।
बिहार पुलिस में जल्द बंपर भर्ती होने वाली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 78000 पुलिसकर्मियों की जल्द से जल्द भर्ती कराने का आदेश दिया है। नवनियुक्त उप-निरीक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटने के कार्यक्रम में सीएम नीतीश गृह सचिव और डीजीपी को निर्देश दिया है।
सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में केंद्रीय चयन पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष और बिहार के पूर्व डीजीपी एसके सिंघल की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। ईओयू ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।
सिपाही भर्ती परीक्षा में नकल के नए-नए हथकंड़े अपनाए जा रहे हैं। भागलपुर में एक छात्र को पकड़ा गया है। जो चप्पल में ब्लूटूथ छिपाकर नकल कर रहा था। तो वहीं पटना में चार अभ्यर्थी ओएमआर सीट लेकर ही भाग गए। पूर्णिया में फर्जी अभ्यर्थी को पकड़ा गया है।
बिहार पुलिस सिपाही भर्ती के पेपर की लाखों में डील करने के मामले में बड़ा खुूलासा हुआ है। परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का सरगना एक सरकारी अफसर निकला है।
सिपाही भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण के दौरान पेपर लीक करने की साजिश रचने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसमें एक बाल संरक्षण पदाधिकारी सुरेंद्र पासवान है। जो पूरे गैंग को लीड कर रहा था। और कई छात्रों से 7-7 लाख की डील हो चुकी थी।
सिपाही भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण के दौरान ड़बड़ी करने के आरोप में 9 अभ्यर्थी समेत 15 जालसाज पकड़े गए। गोपालगंज में पेपर लीक कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से 50 हजार से एक लाख डील भी हुई थी।
यह गिरोह काफी शातिर अंदाज में काम करता है। कोई भी वैकेंसी आने पर एक बार में 10 से 12 अभ्यर्थियों से उनका मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र, चेक बुक अन्य कागजात ले लिये जाते थे। परीक्षा पास होने के बाद सात लाख देने का सौदा तय होता था। कोई अभ्यर्थी परीक्षा में पास हो गया तो क्रेडिट गिरोह लेता था।।