सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर की हुई थी लाखों में डील, सरकारी अफसर ही निकला मास्टरमाइंड
बिहार पुलिस सिपाही भर्ती के पेपर की लाखों में डील करने के मामले में बड़ा खुूलासा हुआ है। परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का सरगना एक सरकारी अफसर निकला है।
बिहार में पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर उपलब्ध कराने और एग्जाम सेंटर पर पुर्जा पहुंचाने के नाम पर अभ्यर्थियों से रकम ऐंठने में गिरफ्तार चार आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पूछताछ में पता चला है कि गोपालगंज में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार पासवान ही इस गिरोह का मास्टरमाइंड है। उसकी एग्जाम सेंटरों पर बतौर मजिस्ट्रेट ड्यूटी लगती थी। उसने बिजली कंपनी के कार्यालय परिसर और इसके आसपास अभ्यर्थियों से लाखों की डील की थी।
आरोपियों ने 30 अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड एवं शैक्षणिक प्रमाण पत्र बतौर बंधक रखे। उन्हें परीक्षा से पूर्व पेपर देने एवं उसके बाद रुपये देने पर एडमिट कार्ड और शैक्षणिक प्रमाण पत्र लौटाने की बात की गई थी। पुलिस बरामद किए गए एडमिट कार्ड और प्रमाण पत्रों के आधार पर संबंधित आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
गोपालगंज सदर एसडीपीओ प्रांचल ने सोमवार को कहा कि आरोपिोयं को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा। जांच में पता चला है कि इन लोगों ने कम से कम 30 अभ्यर्थियों से 50 हजार से लेकर 7 लाख रुपये तक की डील की थी। हालांकि, किस अभ्यर्थी ने आरोपियों को कितने रुपये दिए, इसका अभी स्पष्ट पता नहीं चल सका है।
दूसरी ओर, सहरसा से सिपाही भर्ती परीक्षा में एक व्यावसायिक शिक्षक एवं चपरासी को गिरफ्तार किया गया है। मनोहर उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थित सेंटर से एक परीक्षार्थी के पास प्रिंटेड चिट-पुर्जा मिला। उसका पेपर से मिलान करने पर सही पारा गया। प्रधानाध्यापक सह केंद्राधीक्षक ने इस संबंध में बैजनाथपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने भागलपुर निवासी अभ्यर्थी गौतम कुमार और व्यावसायिक शिक्षक बांका निवासी गौतम के साथ चपरासी मसिर आलम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।