फ्लैट का कब्जा नहीं मिलने पर जंतर-मंतर पर खरीदारों का प्रदर्शन
गुरुग्राम के सेक्टर-89 स्थित ग्रीनोपोलिस के फ्लैट खरीदारों ने कब्जा न मिलने पर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। खरीदारों का कहना है कि उन्होंने कई अधिकारियों से मदद मांगी, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। वे...
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गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। सेक्टर-89 स्थित ग्रीनोपोलिस के फ्लैट खरीदारों ने कब्जा न मिलने पर रविवार सुबह दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग में शिकायत करने के बावजूद कोई राहत नहीं मिल सकी है। आरोप है कि करीब 500 परिवार न्यायपालिका और अधिकारियों की अनदेखी से दुखी हैं। वे वित्तीय और भावनात्मक संकट का सामना कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ईएमआई और घर का किराया चुकाने में दिक्कत आ रही है। उनके घर अधूरे पड़े हैं। उनकी अपील की सुनवाई नहीं होने से उनके अधिकारों की रक्षा करने वाली प्रणाली की विफलता उजागर हो गई है। ग्रीनोपोलिस वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके अरोड़ा ने कहा कि विरोध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। एनसीडीआरसी, हरेरा, एचआरईएटी, एनसीएलटी, उच्च न्यायालय, सुप्रीम कोर्ट से राहत न हीं मिली है। 23 जनवरी, 2019 को हरेरा ने आदेश दे दिए, लेकिन अब तक यह लागू नहीं हुए हैं। एसोसिएशन की उपाध्यक्ष दीपिका मोहिल ने बताया कि अधिकारियों के दरवाजे खटखटा कर थक चुके हैं। न्यायिक प्रणाली न्याय देने की बजाय अमीरों का पक्ष ले रही है। 50 से अधिक फ्लैट खरीदारों का देहांत हो चुका है।
सचिव सुषमा यादव ने कहा कि 12 साल पहले घर बुक किया था। सारी जिंदगी की जमापूंजी दे दी। उनके लिए बूढ़े माता-पिता के बढ़ते चिकित्सा खर्च, मेरी बेटी की शिक्षा के खर्च और जीवन-यापन की बढ़ती लागत के साथ वित्तीय बोझ का प्रबंधन करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। बता दें कि यह रिहायशी परियोजना साल 2012 में लांच हुई थी।
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