विज्ञान के विकास के साथ सांस्कृतिक विरासतों का संरक्षण जरूरी
विकासनगर, संवाददाता।उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिक परिषद (यू कास्ट) की ओर से शुक्रवार को स्वरांजलि संगीत विद्यालय बेलावाला में कार्यशाला

उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिक परिषद (यू कास्ट) की ओर से शुक्रवार को स्वरांजलि संगीत विद्यालय बेलावाला में कार्यशाला आयोजित की गई। ‘जौनसार बावर क्षेत्र की अनुसूचित जाति, जनजाति के विकास सृजन में विज्ञान का महत्व विषय पर कार्याशाला का आयोजन धूमसू कला मंच के सहयोग से किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन फिल्म लेखक विशाल नैथानी ने किया। धूमसू कला मंच की निर्देशक शांति वर्मा तन्हा ने कहा कि विज्ञान का उपयोग समाज के विकास के लिए होना चाहिए। समाज की दिनचर्या में विज्ञान के शामिल होने से ही व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विज्ञान से समाज की भलाई होनी चाहिए।
उन्होंने यू कॉस्ट के परिकल्पना की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह सामाजिक मूल्यों से प्रेरित, सामान्य भलाई के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग चाहते हैं, जिसका लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के साधन के तौर पर और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए बदलाव के उत्प्रेरक के रूप मार्गदर्शन के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने समाज के विकास के लिए विज्ञान और संस्कृति के आपसी मेल पर जोर देते हुए कहा कि विज्ञान और तकनीक के विकास के साथ ही सांस्कृतिक विरासतों, धरोहरों का संरक्षण भी जरूरी है। कहा कि संस्कृति में भी विज्ञान अपनी जड़ें जमाए हुए है। इस दौरान सुरेश वर्मा, कैलाश, नीरज, वेदांश, खुशी तोमर, निशा काला, रजत, दयाल, राजेंद्र, काजल खन्ना, नवीन तोमर, मनीष, अंकित जोशी आदि मौजूद रहे।
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