तहव्वुर राणा पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार ने बनाई दिग्गज वकीलों की टीम, तुषार मेहता करेंगे लीड
मजबूत कानूनी टीम राणा के खिलाफ ठोस सबूत पेश करेगी, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके। यह मामला भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है

केंद्र सरकार ने 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमले के मामले में आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के नेतृत्व में वकीलों की एक स्पेशल टीम नियुक्त की है। यह जानकारी गुरुवार को गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में दी गई। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को इस साल 10 अप्रैल को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उसे गिरफ्तार कर 30 दिनों तक पूछताछ की, जिसके बाद पिछले हफ्ते उसे तिहाड़ जेल भेज दिया गया। राणा पर 26/11 हमलों की साजिश में प्रमुख भूमिका निभाने का आरोप है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।
गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि यह नियुक्ति राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण अधिनियम, 2008 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए की गई है। अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अध्यक्षता में विशेष लोक अभियोजकों की एक टीम नियुक्त की है, जिसमें अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू, वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और अधिवक्ता नरेंद्र मान शामिल हैं। यह टीम एनआईए की ओर से दिल्ली स्थित एनआईए की विशेष अदालतों, दिल्ली उच्च न्यायालय और भारत के उच्चतम न्यायालय में आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई मामले से संबंधित मुकदमे और अन्य मामलों को संभालेंगी।
आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई, दिल्ली में एनआईए के पास पंजीकृत मामले से संबंधित है, जिसमें 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के संबंध में तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है। एनआईए ने वर्षों के निरंतर प्रयास के बाद अमेरिका से राणा का प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया और यहां पहुंचने पर 10 अप्रैल को उसे गिरफ्तार कर लिया। राणा पर पाकिस्तान के आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा द्वारा 2008 में किए गए हमलों के पीछे की बड़ी साजिश में शामिल होने का आरोप है। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।
उसे नौ मई को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था और एनआईए द्वारा हिरासत में पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। हिरासत के दौरान, 2008 के आतंकवादी हमले के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए एनआईए जांचकर्ताओं द्वारा राणा से प्रतिदिन लगभग आठ से दस घंटे तक पूछताछ की गई। राणा (64) पर अपने सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी को कई बार फोन कॉल करने का भी आरोप है, जो वर्तमान में उस देश की जेल में बंद एक अमेरिकी नागरिक है।
(इनपुट एजेंसी)