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अतीक के साम्राज्य के ताज के लिए छिड़ेगी जंग? पुलिस को सता रहा गैंगवार का डर

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि प्रयागराज में शांति का राज कायम होगा। लेकिन पुलिस को अब यहां पर अतीक के गुर्गों में गैंगवार की आशंका सताने लगी है।

Deepak Mishra फरहान अहमद सिद्दिकी, हिंदुस्तान टाइम्स, प्रयागराजSun, 30 April 2023 04:32 PM
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माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि प्रयागराज में शांति का राज कायम होगा। लेकिन पुलिस को एक अलग ही तरह की आशंका सताने लगी है। इसके मुताबिक इन दोनों की हत्या के बाद सत्ता हथियाने के लिए इनके गुंडों में गैंगवार छिड़ सकती है। बता दें कि अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ मारा जा चुका है। उसके बड़े बेटे असद का एनकाउंटर हो चुका है। उसके चार अन्य बेटे भी जेल या सुधार गृह में हैं। उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन भी जान बचाने के लिए दर-दर भटक रही है। ऐसे में अतीक के हजारों करोड़ रुपए के गैरकानूनी साम्राज्य का ताज हथियाने के लिए संघर्ष की आशंकाएं पनपने लगी हैं।

गैंग के सदस्यों के खिलाफ अभियान
पुलिस को आशंका है कि अतीक के साम्राज्य का ताज हासिल करने के लिए उसके गुर्गों में कभी भी संघर्ष शुरू हो सकता है। अगर ऐसा होता है कि प्रयागराज में गैंगवार छिड़ सकता है। हालांकि पुलिस इस कोशिश में है कि वह अतीक के गुर्गों पर समय रहते काबू पा ले। इसके लिए अलग-अलग जगहों पर उसके तमाम गुर्गों पर शिकंजा कसा जा रहा है। वहीं, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस गैंग के उन सदस्यों के खिलाफ भी अभियान चला रही है, जो फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक अतीक के गैंग का नाम आईएस-227 है और इसके कुल सदस्यों की संख्या 135 से ज्यादा है। पुलिस का कहना है कि अतीक गैंग के सदस्य हालात के मुताबिक रणनीति बदलने की स्ट्रैटजी अपनाते हैं। एक एनालिसिस के मुताबिक जब छापेमारी होती है तो सभी सदस्य अंडरग्राउंड हो जाते हैं। बाद में जब हालात मुफीद होते हैं तो यह सभी सक्रिय हो जाते हैं। 

प्राइम लोकेशन पर सैकड़ों बीघा जमीन
पिछले कई दशकों में अतीक अहमद ने प्राइम लोकेशन पर सैकड़ों बीघे की जमीनें खरीदी थीं। यह जमीनें लोगों को डरा-धमकाकर आधे दाम पर खरीदी गई थीं। अधिकारियों का कहना है कि इस दौरान जिन लोगों ने अतीक का विरोध किया, या जमीन बेचने में आना-कानी की उसे मौत के घाट उतार दिया गया। अतीक अहमद ने यह सभी जमीनें अपने गुर्गों और गैंग के अन्य सदस्यों के नाम पर खरीदी थीं। यह जमीनें, झलवा, कसारी मसारी, पीपनलगांव, बमरौली, देवघाटा, करेंहदा, पुरामुफ्ती और कुछ तो कौशांबी जिले में भी खरीदी गई थीं। इसके अलावा अतीक के टाउनशिप प्रोजेक्ट्स अलीना सिटी और अहमद सिटी भी उसके गैंग के सदस्यों द्वारा ही चलाए जा रहे थे।

गिरफ्तारी के बाद बदल गई थी वफादारी
अधिकारी बताते हैं कि प्रयागराज और अन्य जगहों पर रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट्स अतीक के गैंग के लिए पैसों का सबसे बड़ा सोर्स थे। अतीक के गुर्गे सस्ती कीमत पर जमीनें खरीदकर गैरकानूनी टाउनशिप डेवलप करते थे। बाद में इन जमीनों को ऊंची कीमतों पर बेच दिया जाता था। इन डील्स में अतीक का हिस्सा सबसे ज्यादा होता था। अतीक और अशरफ रियल एस्टेट का धंधा करने वालों पर करीबी निगाह रखते थे और पैसों के लेन-देन के विवरण की पूरी जानकारी भी लेते रहते थे। हालांकि अतीक और अशरफ की गिरफ्तारी के बाद उसके सहयोगियों और गैंग के सदस्यों की वफादारी बदलने लगी थी। इनमें से कुछ ने तो दोनों के खिलाफ मुकदमे भी लिखा दिए थे। इसके बाद इन लोगों ने उन जमीनों और संपत्तियों पर कब्जा कर लिया, जो अतीक ने उनके नाम पर लिखवाया था।

मौत के बाद फिर से वही ट्रेंड
अतीक के रिश्तेदार और एक समय उसके सहयोगी रहे जीशान उफ जानू ने अतीक और उसके बेटे अली के खिलाफ दिसंबर 2021 में धनउगाही का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई। बाद में अली ने इसी केस में सरेंडर किया था और आज भी जेल में है। अब अतीक और अशरफ की मौत के बाद भी यही ट्रेंड शुरू हो चुका है। अतीक के पुराने सहयोगी उसके और उसके बेटों के खिलाफ एफआईआर लिखा रहे हैं। बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम ने शुक्रवार को अतीक के बेटों उमर और अली के खिलाफ अपहरण और धनउगाही का केस दर्ज कराया। इसके अलावा अतीक के गुर्गे उसकी गैरकानूनी ढंग से बनाई गई सैकड़ों बीघे की टाउनशिप पर भी कब्जा करने के लिए भी आपस में भिड़ सकते हैं।

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