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किसके साथ बैठे हो, रात में चश्मा पहनकर अपनी अंतरात्मा को टटोलना, अमित शाह ने संसद में किसे लपेटा

  • राज्यसभा में एक देश-एक चुनाव पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं कम्युनिस्ट भाइयों से पूछना चाहता हूं कि ये जो अधिकारों की बात लेकर घूम रहे हैं, किसके साथ बैठे हो, रात के अंधेरे में आत्मा टटोलना।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानTue, 17 Dec 2024 08:26 PM
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किसके साथ बैठे हो, रात में चश्मा पहनकर अपनी अंतरात्मा को टटोलना, अमित शाह ने संसद में किसे लपेटा

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक को विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच मंगलवार को लोकसभा में पास करा दिया। विधेयक के पक्ष में 269 वोट पड़े और विपक्ष में 198। मंगलवार देर शाम राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। तंज कसते हुए कहा कि किसके साथ बैठे हो, रात में चश्मा पहनकर अपनी अंतरात्मा को टटोलना।

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में 55 साल के भीतर 77 बार संशोधन हुए। जबकि भाजपा के 16 साल के शासन में 22 संशोधन हुए।

किसके साथ बैठे, रात के अंधेरे में टटोलना

अमित शाह ने आगे कहा, 39 वां संविधान संशोधन क्या था? इंदिरा गांधी जी के चुनाव को इलाहबाद हाई कोर्ट ने अमान्य घोषित किया और उन्होंने संशोधन से पीएम पद की न्यायिक जांच पर प्रतिबंध लगा दिया। आपको जो करना है करो… कोई गुहार नहीं। मैं कम्युनिस्ट भाइयों से पूछना चाहता हूं कि ये जो अधिकारों की बात लेकर घूम रहे हैं, किसके साथ बैठे हो, रात में अंधेरे मेंआत्मा को टटोलना, तब मालूम होगा। ये संविधान संशोधन ऐसा है कि कोई पुराना भी मुकदमा है, वो खारिज हो जाएगा।

अमित शाह ने शुरुआत में कहा कि आजादी के बाद कई लोगों ने ऐसी बातें कहीं कि ये देश बिखर जाएगा, एकता नहीं हो सकती , आत्मनिर्भर नहीं हो सकता। आज 75 साल बाद जब पीछे मुड़कर देखते हैं तो सरदार पटेल के अथक परिश्रम के कारण देश एक होकर खड़ा है। आज हमारे आस-पास कई लोग आजाद हुए, वहां कई बार लोकतंत्र तक सफल नहीं हुआ। आज हमारा लोकतंत्र पाताल तक फैला है। हमने अनेक परिवर्तन किए, वो भी बिना रक्त की एक बूंद बहाए।

25 नवंबर से शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र अपने अंतिम सप्ताह में प्रवेश कर चुका है। यह 20 दिसंबर तक चलेगा। राज्यसभा में एक देश एक चुनाव पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खत्म करने के लिए संविधान में पहला संशोधन किया था।

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महाराष्ट्र में ईवीएम खराब, झारखंड में ठीक

ईवीएम को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर अमित शाह ने कहा कि जब भी कांग्रेस हारती है तो वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को दोष देती है। सुप्रीम कोर्ट ने 24 बार याचिका खारिज कर दी। चुनाव आयोग ने तीन दिन तक ईवीएम रखा, कहा कि कोई हैक करके दिखाए। कोई नहीं आया। शाह ने पूछा कि कांग्रेस और विपक्ष महाराष्ट्र में ईवीएम पर अंगुली क्यों उठा रही है। क्योंकि वहां कांग्रेस हार गई, जबकि झारखंड में ऐसा नहीं कह रहे हैं, वहां उनकी जीत हुई है। अब ये बात समझ नहीं आ रही है कि ईवीएम एक जगह ठीक और दूसरी जगह खराब कैसे हो सकती है?

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