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पढ़ने का चश्मा अगर विदेशी है तो संविधान में भारतीयता कभी नहीं दिखेगी, अमित शाह का तंज

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 77 सालों के दौरान 16 साल तक भाजपा ने इस देश पर शासन किया। इस दौरान हमने 22 बार किया संविधान संशोधन किया लेकिन 55 सालों में कांग्रेस ने 77 बार संविधान बदला है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 17 Dec 2024 07:29 PM
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भारतीय संविधान के 75 वर्षों के गौरवशाली इतिहास पर राज्यसभा में चर्चा में भाग लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला और कहा कि संविधान पढ़ने का चश्मा अगर विदेशी होगा तो उस संविधान में भारतीयता कभी नहीं दिखेगी। उन्होंने कहा कि संविधान ने लोकतंत्र की जड़ें मजबूत कीं हैं। रक्त की एक बूंद गिरे बिना सत्ता का हस्तांतरण हुआ। शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने बहुत ही बेशर्मी से संविधान में कई संशोधन किए हैं।

उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा किए गए पहले संविधान संशोधन की चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने तब मौलिक अधिकार से छेड़छाड़ करते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीन ली। उन्होंने आरो लगाया कि कांग्रेस ने जब-जब संविधान संशोधन किया, तब-तब आमजन के मौलिक अधिकारों को छीना गया। शाह ने कहा कि अनेक तानाशाहों के गुमान एवं अभिमान को दूर करने का काम देश की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से किया है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 77 सालों के दौरान 16 साल तक भाजपा ने इस देश पर शासन किया। इस दौरान हमने 22 बार किया संविधान संशोधन किया लेकिन 55 सालों में कांग्रेस ने 77 बार संविधान बदला है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कभी वोट बैंक की राजनीति कर तो कभी अपने गुमान में तो कभी मौलिक अधिकारों की हनन करने के लिए संविधान बदला है।

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शाह ने संविधान की खूबसूरती की तारीफ करते हुए कहा कि संविधान में गीता रामायण के चित्र मौजूद हैं। संविधान में शिवाजी और लक्ष्मीबाई के चित्र अंकित हैं। बावजूद इसके संदेश लेना नहीं आता तो संविधान बदलने से क्या होगा। उन्होंने राहु गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि 56 साल की उम्र में एक शख्स खुद का युवा कहते हैं, संविधान बदल देंगे का हल्ला करते फिरते हैं

लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि संविधान के अनुच्छेद 388 में ही यह प्रावधान है। लेकिन आपने संविधान में बदलाव अपने फायदे के लिए किया लेकिन हम जनमानस को फायदा पहुंचाने के लिए संविधान में बदलाव कर रहे हैं।

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