बीजेपी के सीनियर नेता ने कहा, 'हमारे पास केंद्र और कई राज्यों में बहुमत है। ऐसे में विधेयक को मंजूरी दिलाने में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। मगर, हम 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को जन आंदोलन बनाना चाहते हैं।'
एक देश एक चुनाव को अमल में लाने के लिए जेपीसी ने बड़ा कदम उठाते हुए चुनाव आयोग के अधिकारियों और सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को बुलाने का फैसला किया है।
राजधानी दिल्ली स्थित के करिअप्पा परेड मैदान में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) की वार्षिक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह यह बात कही।
इस भारी सूटकेस ने सांसदों और मीडिया, दोनों का ध्यान खींचा। भाजपा सांसद डॉ. संबित पात्रा ने इसे उठाकर सीढ़ियों से नीचे ले जाने का जज्बा दिखाया, जबकि कुछ सांसदों ने इसे लिफ्ट के जरिए अपने वाहनों तक पहुंचाया। वहीं, कुछ ने इसे अपने सहायकों के हवाले कर दिया।
प्रियंका गांधी ने JPC से पूछा कि क्या लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराना आर्थिक रूप से व्यवहारिक होगा और अगर हां तो इस देशव्यापी महा-अभियान पर कितना खर्च होगा।
बुधवार को नई दिल्ली में JPC की हुई इस पहली बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने एक साथ चुनाव के विचार की सराहना की तो विपक्षी सदस्यों ने इस पर सवाल खड़े किए।
एक देश-एक चुनाव के मुद्दे पर बनी 39 सदस्यीय संसदीय समिति की पहली बैठक 8 जनवरी को होगी। समिति को निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें बजट सेशन के आखिरी हफ्ते से पहले अपनी रिपोर्ट देनी होगी।
संजय जायसवाल ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन की परंपरा इंदिरा गांधी के घमंड के कारण टूट गई। एक देश एक चुनाव कराने से देश को बहुत लाभ होगा।
लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने पीटीई से इसकी पुष्टि की है। राज्यसभा में इस समिति के 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को ध्वनि मत से मंजूरी दिए जाने के साथ ही 39 सदस्यीय समिति का गठन हो गया।
प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, धर्मेंद्र यादव, कल्याण बनर्जी, सुप्रिया सुले, श्रीकांत एकनाथ शिंदे, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, अनुराग सिंह ठाकुर को जेपीसी के सदस्य के रूप में नामित किया गया है।