इस भारी सूटकेस ने सांसदों और मीडिया, दोनों का ध्यान खींचा। भाजपा सांसद डॉ. संबित पात्रा ने इसे उठाकर सीढ़ियों से नीचे ले जाने का जज्बा दिखाया, जबकि कुछ सांसदों ने इसे लिफ्ट के जरिए अपने वाहनों तक पहुंचाया। वहीं, कुछ ने इसे अपने सहायकों के हवाले कर दिया।
प्रियंका गांधी ने JPC से पूछा कि क्या लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराना आर्थिक रूप से व्यवहारिक होगा और अगर हां तो इस देशव्यापी महा-अभियान पर कितना खर्च होगा।
बुधवार को नई दिल्ली में JPC की हुई इस पहली बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने एक साथ चुनाव के विचार की सराहना की तो विपक्षी सदस्यों ने इस पर सवाल खड़े किए।
एक देश-एक चुनाव के मुद्दे पर बनी 39 सदस्यीय संसदीय समिति की पहली बैठक 8 जनवरी को होगी। समिति को निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें बजट सेशन के आखिरी हफ्ते से पहले अपनी रिपोर्ट देनी होगी।
संजय जायसवाल ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन की परंपरा इंदिरा गांधी के घमंड के कारण टूट गई। एक देश एक चुनाव कराने से देश को बहुत लाभ होगा।
लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने पीटीई से इसकी पुष्टि की है। राज्यसभा में इस समिति के 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को ध्वनि मत से मंजूरी दिए जाने के साथ ही 39 सदस्यीय समिति का गठन हो गया।
प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, धर्मेंद्र यादव, कल्याण बनर्जी, सुप्रिया सुले, श्रीकांत एकनाथ शिंदे, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, अनुराग सिंह ठाकुर को जेपीसी के सदस्य के रूप में नामित किया गया है।
विपक्षी सांसदों ने वन नेशन, वन इलेक्शन से जुड़े विधेयकों का विरोध किया और वोटिंग की मांग की। मत विभाजन में 269 सांसदों ने विधेयकों के पक्ष में मतदान किया, जबकि 196 ने इसके खिलाफ मतदान किया।
अमित शाह ने संसद में आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि बिनाका गीतमाला प्रोग्राम आता था। अचानक वो प्रोग्राम बंद हो गया, पता चला कि किशोर कुमार और इंदिरा गांधी का झगड़ा हो गया है।
राज्यसभा में एक देश-एक चुनाव पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं कम्युनिस्ट भाइयों से पूछना चाहता हूं कि ये जो अधिकारों की बात लेकर घूम रहे हैं, किसके साथ बैठे हो, रात के अंधेरे में आत्मा टटोलना।
इसके साथ ही उद्धव ने कहा कि अगर लोगों को EVM पर संदेह है तो उसे दूर किया जाना चाहिए। एक बार बैलेट पेपर से मतदान होने दें। अगर उन्हें उतना ही वोट मिलता है तो उसके बाद कोई सवाल नहीं करेगा।
हालांकि, सांसदों की अनुपस्थिति बिल के पारित होने में रुकावट नहीं बनी, लेकिन इसने विपक्षी कांग्रेस को यह दावा करने का मौका दिया कि यह सरकार के पास इस मुद्दे पर पर्याप्त समर्थन नहीं होने का प्रमाण है।
जेडीयू सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन बिल कहीं से भी संविधान विरोधी नहीं है। 1952, 1957,1962,1967 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हो चुके हैं, पहले से ही ये परंपरा थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसे कानूनी रूप दिया। जो देश के लिए भी जरूरी है।
देश में एक साथ चुनाव के मकसद से लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश एक देश, एक चुनाव विधेयक पर एक लंबा ट्वीट लेख लिखकर अखिलेश यादव ने कहा है कि ‘एक’ शब्द ही अलोकतांत्रिक है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वन नेशन वन इलेक्शन को देश के लिए घातक बताते हुए मंगलवार को कहा कि लोकतांत्रिक संदर्भों में ‘एक’ शब्द ही अलोकतांत्रिक है।
विपक्षी दलों का तर्क है कि इससे चुनाव आयोग को बेतहाशा पावर मिल जाएगी। लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि ये दोनों विधेयक संविधान और नागरिकों के वोट देने के अधिकार पर आक्रमण हैं।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मंगलवार को एक देश एक चुनाव के लिए संसद में लाए गए ONOE बिल का विरोध किया। उन्होंने इसे आरएसएस का एजेंडा बताया है।
कांग्रेस की सरकारों द्वारा किए गए संविधान संशोधनों का उल्लेख करते हुए नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि क्या देश को कोई खतरा था कि देश पर आपातकाल थोपा गया।
One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन पर चर्चा या पारित होने के लेकर मतदान की प्रक्रिया जारी है। खबर है कि पहली बार मतदान इलेक्ट्रॉनिक तरीके होगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से पूरी प्रक्रिया समझाए जाने की बात कही है।
एक देश एक चुनाव के लिए पेश किए गए विधेयक का लोकसभा में जमकर विरोध हुआ। कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके और समाजवादी पार्टी ने कहा कि यह विधेयक संविधान के मूल ढांचे को चोट पहुंचाने वाला है।
लोकसभा में एक देश एक चुनाव विधेयक पेश हो गया है। इस दौरान जहां टीडीपी सहित कुछ सहयोगी दलों ने विधेयक का समर्थन किया है, वहीं कुछ पार्टियों ने विरोधी सुर छेड़े हैं।
लोकसभा में एक देश एक चुनाव वाला विधेयक पेश हो गया है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह बिल लोकसभा में पेश किया। बिल का कांग्रेस, टीएमसी, सपा समेत कई दलों ने विरोध किया है। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि आखिर इस बिल को लाने की जरूरत ही क्या है। यह तो एक तरह से तानाशाही को थोपने की कोशिश है।
संसद में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक पास होने के बाद चुनावी प्रक्रिया में बड़ा परिवर्तन आएगा। हालांकि इसका ऐलान आम चुनाव के बाद पहली लोकसभा बैठक में राष्ट्रपति ही करेंगे।
विधेयक के पेश होने के बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का अनुरोध करेंगे।
कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल लोकसभा में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक पेश करेंगे।पहले, इस बिल को 16 दिसंबर के कार्यसूची में सूचीबद्ध किया गया था लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने आज मीडिया से बात करते हुए ऐलान किया की बहुजन समाज पार्टी 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी जनहित के मुद्दे को लेकर राजनीति से ऊपर होकर 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का समर्थन करती है।
विधेयक में कहा गया है कि आम चुनाव के बाद राष्ट्रपति लोकसभा की पहली बैठक के दौरान ऐलान करेंगे कि एक राष्ट्र एक चुनाव कब से लागू होगा। ऐसे में यह प्रक्रिया 2034 के चुनाव से शुरू हो पाएगी।
लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ कराने के मकसद से लाए जा रहे विधेयक में कहा गया है कि विभिन्न कारणों से एक साथ चुनाव कराना जरूरी है क्योंकि चुनावों में बहुत खर्च होता है और समय भी लगता है।
केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन को मंजूरी दे दी है। अगर यह बिल संसद से पास होता है तो 2034 में लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ हो सकते हैं।
One Nation One Election: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति ने एक साथ चुनाव कराने के संबंध में सिफारिशें की थीं, जिन्हें सितंबर में मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर लिया था।