जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर सही नीयत और सही इरादे से एक देश एक चुनाव लागू किया जाए, तो यह सही है। मगर, बीजेपी इसे अपने फायदे के लिए लागू करना चाहती है।
केरल विधानसभा ने देश में एक साथ चुनाव कराने के खिलाफ प्रस्ताव पारित हो गया है। विधानसभा ने इस कदम को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताते हुए केंद्र से इसे वापस लेने का फैसला किया है।
जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की समर्थक है।
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार के वन नेशन वन इलेक्शन को भाजपा का एक और शिगूफा करार दिया है। कहा कि विफलताओं से ध्यान हटाने की कोशिश है।
JDU प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, 'केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा जैसे हमारे वरिष्ठ नेताओं ने रामनाथ कोविंद कमेटी के सामने अपना मत रखा था। यह स्वागतयोग्य कदम है। जो लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि हमने 1967 तक एक देश एक चुनाव का पालन किया था।'
पिछले साल 2023 में करीब 10 राज्यों में नई विधानसभाओं का गठन हुआ है, जिनका कार्यकाल 2028 तक है। यानी 2028 में फिर से वहां चुनाव होंगे लेकिन 2029 में ये सभी विधानसभाएं भंग हो जाएंगी। ऐसे में इन 10 राज्य सरकारों का कार्यकाल केवल एक साल या उसकेे करीब ही रह सकेगा।
राव ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव के विचार को अपनाने से अनुमानित 10 लाख करोड़ रुपये के चुनाव खर्च में से 3-5 लाख करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।
ललन सिंह ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लग जाता है तो विकास के कार्य भी प्रभावित होते हैं। इन सारी समस्याओं का यह निदान है कि पांच साल पर एक बार चुनाव होंगे। इसे 2029 में लागू कर देना चाहिए।
केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को वन नेशन, वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि यह निर्णय देश में राजनीतिक स्थिरता, सतत विकास और समृद्ध लोकतंत्र के लिए 'मील का पत्थर' साबित होगा।
वन नेशन वन इलेक्शन पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। अखिलेश ने पूछा कि किसी राज्य में भाजपा चयनित सरकार गिराती है तो उसके साथ पूरे देश में चुनाव कराए जाएंगे।
'एक देश, एक चुनाव' पर रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। अब बसपा प्रमुख मायावती ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए इसे लेकर बसपा का स्टैंड क्लीयर कर दिया है।
एक देश एक चुनाव पर रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति के द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को कैबिनेट द्वारा हरी झंडी दिए जाने के बाद सियासी हलकों में विरोध तेज हो गया है।
एक देश एक चुनाव पर रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बुधवार को हुई नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को पेश किया गया, जिस पर सर्वसम्मति से कैबिनेट ने मुहर लगा दी। इस रिपोर्ट को कोविंग समिति ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसी साल मार्च में सौंपा था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इसी कार्यकाल में एक देश, एक चुनाव लागू करने की योजना का समर्थन कर दिया है। पार्टी ने इसके फायदे भी गिनाए हैं।