वियतनाम और फिलीपींस के बाद अब बड़ा मुस्लिम देश भी खरीदेगा ब्रह्मोस मिसाइल, भारत आ रहे राष्ट्रपति
- दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश के राष्ट्राध्यक्ष के साथ भारत कई समझौते कर सकता है। इनमें से एक समझौता ब्रह्मोस मिसाइलों को लेकर भी होने वाला है। भारत और रूस ने मिलकर मिसाइलों को तैयार किया है, जिनकी डिमांड कई देशों से की गई है। इस दौरे में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर करार करेंगे।
भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों की दुनिया भर में डिमांड बढ़ रही है। कभी हथियारों के सबसे बड़े आयातक रहे भारत के लिए यह बड़ी सफलता है। इस बीच इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भी रिपब्लिक डे के मौके पर भारत आ रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश के राष्ट्राध्यक्ष के साथ भारत कई समझौते कर सकता है। इनमें से एक समझौता ब्रह्मोस मिसाइलों को लेकर भी होने वाला है। भारत और रूस ने मिलकर इन मिसाइलों को तैयार किया है, जिनकी डिमांड कई देशों से की गई है। माना जा रहा है कि इस दौरे में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर करार करेंगे और अगले कुछ सालों में उन्हें डिलिवरी दी जाएगी।
इंडोनेशिया के 400 सैनिक भी दिल्ली में आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेंगे। यह भी ऐतिहासिक है क्योंकि आज तक किसी भी मेहमान देश ने इतने सैनिकों को गणतंत्र की परेड में हिस्सा लेने के लिए नहीं भेजा है। दक्षिण पूर्व एशिया में इंडोनेशिया ऐसा तीसरा देश है, जो भारत से ब्रह्मोस मिसाइलों की डील करेगा। इससे पहले फिलीपींस ने भारत से इन मिसाइलों को खरीदा है। इसके अलावा वियतनाम ने मिसाइलों की खरीद के लिए डील फाइनल की है। 2020 में प्रबोवो सुबियांतो रक्षा मंत्री के तौर पर भारत आए थे। कहा जा रहा है कि इस दौरान उनकी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात हुई थी और उन्होंने मिसाइलों को खरीदने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन इंडोनेशिया के पास बजट की कमी के चलते इसे टाल दिया गया था।
अब प्रबोवो सुबियांतो खुद सत्ता में हैं और पहला साल वह जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए समर्पित करना चाहते हैं। ऐसे में नए वित्त वर्ष में वह हथियारों की खरीद कर सकते हैं। इंडोनेशिया के साथ भारत के काफी अच्छे संबंध रहे हैं। भले ही इंडोनेशिया दुनिया की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है, लेकिन सांस्कृतिक तौर पर वहां सनातन के प्रतीक पाए जाते रहे हैं। इसके कारण से भी इंडोनेशिया और भारत के बीच करीबी रही है। इसके अलावा इंडो-आसियान समिट का भी इंडोनेशिया एक अहम साझीदार रहा है। भारत के लिहाज से देखें तो ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों की कई देशों से डिमांड होना उत्साहजनक है।
ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत यह है कि इसे जल, जमीन और हवा से लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल दुश्मन को करीब 650 किलोमीटर दूर तक मार गिरा सकती है। यह दूर से ही अपने तय लक्ष्य को भेद सकती है। खास बात यह है कि यह मिसाइल इस तरह से डिजाइन की गई है कि सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को भेदने के दौरान भी वह रास्ता न भटके। यह मिसाइल समुद्र से लेकर ऊंचे पर्वतों तक पर दुश्मन के ठिकानों को भेद सकती है।