अभिषेक ने संघर्ष कर साथियों को भी दिलाया हक
अभिषेक ने संघर्ष कर साथियों को भी दिलाया हक

लखीसराय, प्रतिनिधि। बड़हिया प्रखंड के खुटहा चेतन टोला निवासी शिवशंकर सिंह के इकलौते पुत्र अभिषेक कुमार ने अपनी सूझ-बूझ और अथक प्रयास से न केवल अपना हक पाया, बल्कि अपने कई साथियों की भी मदद की है। ज्ञात हो कि दिसंबर 2024 में लखीसराय जिले के केआरके हाई स्कूल के खेल मैदान में रोजगार मेले का आयोजन किया गया था। जिसमें विभिन्न कंपनियों ने भाग लिया था। इसी मेले में अभिषेक का चयन इंडियन इंडस्ट्री सॉल्यूशन के स्टॉल से हुआ था। जो अंबर इलेक्ट्रॉनिक अहमदनगर के लिए वेंडर के रूप में कार्यरत है। बीते तीन मार्च 2025 को पुणे पहुंचे अभिषेक ने 5 मार्च से अहमदनगर के सुपर एमआईटीसी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कंपनी अंबर इंटरप्राइजेज प्रा लिमिटेड में अपनी नौकरी प्रारंभ की थी। इस कंपनी में एयर कंडीशनर के पार्ट्स का निर्माण कार्य किया जाता है। प्रारंभिक दिनों में सब कुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन आधा अप्रैल बीतने के बाद भी उन्हें मार्च महीने की पगार नहीं मिली। पिछले अनुभवों को देखते हुए, जहां दो-दो महीने काम करके भी कई लड़के बिना वेतन के ही काम छोड़कर वापस लौट गए थे। अभिषेक ने हार नहीं मानी। उन्होंने इंटरनेट के माध्यम से अपने गृह क्षेत्र बड़हिया प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) प्रतीक कुमार का संपर्क नंबर ढूंढा और अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया। बीडीओ प्रतीक कुमार ने भी तत्परता दिखाते हुए जिला प्रशासन और संबंधित कंपनी के एचआर विभाग से संपर्क साधा। अंबर इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड की एचआर अधिकारी निकिता कुमारी ने जानकारी दी कि इन कर्मियों की कागजी प्रक्रिया वेंडर कंपनी द्वारा अधूरी छोड़ी गई है। जिसके कारण वेतन भुगतान में देरी हो रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि एक सप्ताह के भीतर वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा। बीडीओ की पहल और प्रशासनिक दबाव के कारण अभिषेक समेत अन्य साथियों को मार्च माह का वेतन प्राप्त हो गया है। जिसके लिए अभिषेक ने मिले प्रशासनिक सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। अभिषेक और उनके अन्य साथी विपुल चौहान (सिवान), मो अली राजा, मो मुस्ताक (मुजफ्फरपुर), बिट्टू सिंह (हाजीपुर) के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। अभिषेक ने बताया कि एचआर विभाग ने सलाह दी है कि वे जिस वेंडर कंपनी के माध्यम से काम कर रहे हैं। उसकी कागजी प्रक्रियाओं में गड़बड़ी है। अतः किसी अन्य व्यवस्थित वेंडर के माध्यम से पुनः ज्वाइन करें, ताकि वेतन समय पर मिलता रहे। वर्तमान में अभिषेक अहमदनगर में रहकर प्रतिदिन 11:30 घंटे काम कर रहे हैं और 30 हजार का मासिक वेतन कमा रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाले अभिषेक की हिम्मत और सूझ-बूझ आज न केवल उनके परिवार, बल्कि उनके गांव और जिले के लिए भी प्रेरणा बन गई है। बतादें कि अभिषेक के पहल पर उसके अन्य साथियों ने भी अपने प्रखंड अधिकारियों से संपर्क की थी, लेकिन उन्हें कोई खास मदद नहीं मिली। अभिषेक की जिद, धैर्य और सही दिशा में किए गए प्रयास ने उन्हें और उनके साथियों को उनका अधिकार दिलाया।
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