प्रशांत किशोर की हालत गंभीर, आईसीयू में भर्ती, बीवी को दिल्ली से बुलाया गया
- जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर को अनशन के छठे दिन गंभीर रूप से बीमार पड़ गए हैं। पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराए गए प्रशांत किशोर की हालत को देखते हुए उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की तबीयत 2 जनवरी से चल रहे बेमियादी अनशन के छठे दिन बिगड़ गई है। छह दिन से सिर्फ पानी पर रहने के कारण के कारण डॉक्टरों ने उनकी हालत को गंभीर बताया है। प्रशांत किशोर को पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उन्हें आईसीयू में रखा गया है। अनशन जारी रखने पर अड़े प्रशांत किशोर मुंह से खाने वाली दवा तक नहीं ले रहे हैं। इस बीच उनकी पत्नी डॉक्टर जाह्नवी दास को दिल्ली को बुलाया गया है जो एक चिकित्सक हैं। सूत्रों का कहना है कि समुचित इलाज के लिए पीके को मनाने के लिए पत्नी को बुलाया गया है जो शाम तक पटना पहुंच जाएंगी।
प्रशांत किशोर ने सोमवार की अहले सुबह गिरफ्तारी के बाद शाम में कोर्ट के आदेश पर रिहाई के बाद देर शाम मीडिया को संबोधित किया था और कहा था कि उनका जारी है और जारी रहेगा। वो मंगलवार को अनशन की जगह और स्वरूप बताने वाले थे। माना जा रहा था कि वो जन सुराज के बैनर तले अपने अनशन को जिला-जिला में पहुंचा सकते हैं। लेकिन सोमवार की देर रात से प्रशांत को पेट में दर्द शुरू हो गया। सुबह में उनके आवास पर डॉक्टर आए और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई।
BPSC आंदोलन में विपक्ष के बिखराव से प्रशांत किशोर को ताकत मिली, नीतीश सरकार को राहत
डॉक्टर प्रशांत किशोर को अपने साथ पटना के एक निजी अस्पताल लेकर गए जहां जांच के बाद पता चला कि उनके बेट में संक्रमण फैल चुका है। इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि कम पानी पीने और भोजन नहीं लेने के कारण यह दिक्कत पैदा हुई है। डॉक्टरों के सामने समस्या ये है कि प्रशांत किशोर अस्पताल में भी अनशन करने पर पड़े हैं और डॉक्टरों के कहने के बावजूद वह मुंह से दवा नहीं ले रहे हैं। इसलिए अब प्रशांत किशोर की पत्नी और बहन को जो बुलाया गया है जो पटना से बाहर रहती हैं। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
याद दिला दें कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करके दोबारा सबकी परीक्षा लेने की मांग कर रहे परीक्षार्थियों के समर्थन में प्रशांत किशोर ने गांधी मैदान में 2 जनवरी को अनशन की शुरुआत की थी। इससे पहले 26 दिसंबर को प्रशांत किशोर ने छात्र-छात्राओं को गांधी मैदान में जुटाया था और उसके बाद मुख्यमंत्री आवास के रास्ते में पुलिस ने तब लाठीचार्ज कर दिया था जब प्रशांत वहां से चले गए। प्रशांत पर 26 दिसंबर के आंदोलन और 2 जनवरी से अनशन को लेकर प्रशासन ने दो मुकदमे दर्ज किए थे। इसी सिलसिल में सोमवार की सुबह लगभग 4 बजे उन्हें गांधी मैदान से गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने पहले उन्हें सशर्त बेल दी तो उन्होंने जेल जाना कबूल कर लिया लेकिन बाद में कोर्ट ने आदेश जारी किया तो उसमें जमानत की शर्तें हटा लीं।