Hindi Newsबिहार न्यूज़Prashant Kishor shows anger to Nitish BJP said matter will be settled in Gandhi Maidan only

मामला तो गांधी मैदान में ही निपटेगा; प्रशांत किशोर ने नीतीश और बीजेपी को दिखाई आंख

जमानत पर बाहर आने के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी के नेता बीपीएससी परीक्षा में कथित धांधली के मुद्दे पर चुप हैं। नीतीश कुमार की जिद के आगे युवाओं की जिद कुछ नहीं है। यह मामला गांधी मैदान में ही निपटाया जाएगा।

Jayesh Jetawat लाइव हिन्दुस्तान, पटनाTue, 7 Jan 2025 06:32 AM
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जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने जमानत मिलने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार में सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं को आंख दिखाई है। बीपीएससी परीक्षा में धांधली को लेकर अनशन कर रहे पीके ने कहा कि यह मामला गांधी मैदान से शुरू हुआ, तो इसे वहीं निपटाया जाएगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रशांत किशोर गांधी मैदान में ही दोबारा अनशन पर बैठ सकते हैं। उन्होंने भाजपा नेताओं के बीपीएससी अभ्यर्थियों के मुद्दे पर चुप्पी साधने पर भी सवाल उठाए। पीके ने कहा कि युवाओं की बात करने वाली पीएम नरेंद्र मोदी की पार्टी के नेता छात्रों पर हुए लाठीचार्ज पर एक शब्द नहीं बोले।

प्रशांत किशोर ने सोमवार रात मीडिया से बातचीत में कहा कि यह मुद्दा उनका खुद का नहीं है। नीतीश कुमार की जिद के आगे युवाओं की जिद है। उन्होंने कहा कि इसमें जीत बिहार के युवाओं की ही होगी। यहां के अफसर और जेडीयू-बीजेपी की सरकार भी यह बात जान लेनी चाहिए।

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पीके ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेता नीतीश सरकार में बैठकर मलाई खा रहे हैं। मगर उनके मुख से बीपीएससी परीक्षा के मुद्दे पर एक शब्द नहीं निकला। उन्होंने कहा कि नीतीश ने महागठबंधन सरकार के दौरान भाजपाइयों को लाठी से दौड़ा-दौड़ाकर मरवाया था, अब पद के लालच में यही नेता उसी नीतीश कुमार का गुणगान कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि ये बुझदिल लोग हैं, यही भाजपा का चरित्र है।

बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए प्रशांत किशोर पिछले सप्ताह धरने पर बैठे थे। पटना पुलिस ने उन्हें सोमवार अहले सुबह करीब पौने 4 बजे गांधी मैदान स्थित धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया था। करीब 6-7 घंटे उन्हें एंबुलेंस में घुमाने के बाद पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

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हालांकि, पीके सशर्त जमानत नहीं लेने पर अड़ गए। बाद में उन्हें बेऊर जेल ले जाया गया, मगर जेल भेजे जाने से पहले ही जमानत की शर्तें हटाकर उन्हें रिहा कर दिया गया। पुलिस हिरासत से छूटने के बाद पीके ने कहा कि उनका अनशन जारी रहेगा।

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