Bhagalpur Patalpuri cave be printed in coffee table book know location of historical site कॉफी टेबल बुक में छपेगा भागलपुर का पातालपुरी गुफा, ऐतिहासिकक स्थल का लोकेशन जानिए, Bihar Hindi News - Hindustan
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कॉफी टेबल बुक में छपेगा भागलपुर का पातालपुरी गुफा, ऐतिहासिकक स्थल का लोकेशन जानिए

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकार क्षेत्र के तहत बिहार में केंद्रीय संरक्षित स्मारकों की सूची में 70 स्थल हैं।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, संजय कुमार, भागलपुरSun, 18 May 2025 01:47 PM
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कॉफी टेबल बुक में छपेगा भागलपुर का पातालपुरी गुफा, ऐतिहासिकक स्थल का लोकेशन जानिए

बिहार के भागलपुर के कहलगांव प्रखंड की माधोरामपुर पंचायत स्थित ऐतिहासिक स्थल पत्थरघट्टा पहाड़ी में बनी पातालपुरी गुफा से पूरा देश रूबरू होगा। पातालपुरी गुफा संग सूबे के सभी पुरास्थलों की कहानी किताबों में छपेगी। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने बिहार के सभी 55 राजकीय सुरक्षित घोषित स्थलों का कॉफी टेबल बुक बनाने का फैसला लिया है। इसको लेकर एजेंसी की खोज की जा रही है। पुरातत्व निदेशालय के अधीन के पुरास्थल और स्मारक से संबंधित अनुसंधान, सामग्री निर्माण, फोटोग्राफी और उच्च गुणवत्ता वाली डिजाइन और मुद्रण की जिम्मेदारी चयनित एजेंसी की होगी। किताब में भागलपुर के चार अन्य स्थलों की कहानी भी छपेगी।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकार क्षेत्र के तहत बिहार में केंद्रीय संरक्षित स्मारकों की सूची में 70 स्थल हैं। इसमें भागलपुर के अंतीचक स्थित प्राचीन विक्रमशिला विवि का भग्नावशेष, कहलगांव में पहाड़ी मंदिर भी शामिल हैं। किताब में किशनगंज के बंदरझूला के कन्हैया मंदिर के साथ मुंगेर किला, सहरसा के महिषी स्थित सूर्य मंदिर और पूर्णिया का जलालगढ़ किला सहित प्रदेश की अन्य धरोहरों की कहानी भी बताई जाएगी। किताब प्रकाशन का टेंडर 27 मई को खुलेगा और 28 मई को फाइनल हो जाएगा। उसके बाद यह देश भर में उपलब्ध होगा जो पातालपुर गुफा के बारे में लोग जानेंगे।

कहलगांव स्टेशन से 13 किमी उत्तर-पूर्व में है पातालपुरी गुफा

जिला पर्यटन पदाधिकारी कुमार मिथिलेश प्रसाद सिंह ने बताया कि पातालपुरी गुफा कहलगांव स्टेशन से 13 किमी उत्तर-पूर्व में है। पहाड़ी के उत्तर की ओर चट्टान की मूर्तियां हैं। जो संभवत: सातवीं या आठवीं शताब्दी ईस्वी पूर्व की हैं। इन मूर्तियों को चौरासी मुनियों (84 ऋषियों) के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि वे भगवान कृष्ण और राम के गुणों को प्रदर्शित करती हैं। पहाड़ी पर पांच गुफाएं हैं, जिनमें बटेश्वर गुफा भी शामिल है। टूरिज्म के लिए यह एक बेहद महत्वपूर्ण स्थल है।