जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी बिहार यात्रा के दौरान बैंकों में जमा राज्य के लोगों के पैसे और उसके अनुपात में मिले कर्ज का सवाल उठाते रहे हैं।
जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन करते हुए कहा कि भारतीय सेना की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई पर किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
प्रशांत किशोर ने कहा कि अगली बार वोट लालू, नीतीश और मोदी के चेहरे पर नहीं अपने बच्चों के चेहरे को देखकर दीजिएगा। जहानाबाद की जनता से अपील करते हुए कहा कि उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें। अगली बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें।
जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने लोगों से 2 सवाल पूछे। प्रशांत किशोर ने लोगों से पूछा कि आप यह सोच कर बताएं कि आपके पीरपैंती में आपके पंचायत में आपके-हमारे बच्चों के लिए बढ़िया पढ़ाई और रोजगार की व्यवस्था होना चाहिए या नहीं?
पटना में प्रेस वार्ता कर जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 2-3 साल में जातीय जनगणना के नाम पर सबसे ज्यादा रोटी सेंकी गई है। जातीय जनगणना जिन्होंने 500 करोड़ रुपये खर्च कराया। उनकी नीयत किसी जाति का भला करना नहीं था। बल्कि उनकी नीयत कुछ और ही थी।
प्रशांत किशोर 23 अप्रैल से एक महीने के भीतर बिहार के विभिन्न जिलों में 50 विधानसभा क्षेत्रों में रैलियां कर जन सुराज पार्टी का प्रचार करेंगे। इसके बाद वे बिहार बदलाव यात्रा भी निकालेंगे।
बिहार के पूर्व मंत्री और नीतीश कुमार के करीबी रहे वृषिण पटेल ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया है। जिसकी जानकारी उन्होने खुद दी। शनिवार को पीके से उन्होने मुलाकात भी की थी।
बिहार में घूम-घूमकर लोगों को नौवीं फेल नेता की कहानी सुनाते रहे प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी की पहली रैली में उनकी चर्चा भी नहीं की। उनके भाषण में हमले का पूरा का पूरा फोकस नीतीश कुमार पर रहा।
प्रशांत किशोर ने पटना के गांधी मैदान में जन सुराज पार्टी की पहली रैली में अपने पसंदीदा विषय तेजस्वी यादव का पन्ना नहीं पलटा और भाषण में सारे तीर नीतीश कुमार पर छोड़े। पीके इमोशन में कुछ पर्सनल भी होते दिखे।
जन सुराज की बिहार बदलाव रैली में प्रशांत किशोर का भाषण महज 8 मिनट में ही खत्म हो गया। उन्होने आरोप लगाया कि उनसे मिलने आने वाले लाखों लोगों को रोका गया। प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया, 2 लाख लोग जाम में फंसे रहे। पीके ने इसका ठीकरा नीतीश सरकार पर फोड़ा।