मन्नत पूरी होने पर मां दुर्गा के मंदिर पहुंचा मुस्लिम परिवार, बकरे की बलि देकर की पूजा-अर्चना
जायदा खातून ने बताया कि उनके पुत्र की शादी के बाद 5 साल बाद भी संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी। जिसके बाद वो कटिहार के मां दुर्गा के मंदिर पहुंची और मन्नत मांगी थी, जो पूरी हो गई। जिसके बाद परिवार के साथ मंदिर पहुंचकर पूजा- अर्चना की। और बकरे की बलि दी।
कहते है कि आस्था का कोई अंत नहीं होता, और न कोई बंधन। बिहार के कटिहार जिले से जो वाकया सामने आया है, उसने मां दुर्गा पर भक्तों की आस्था को और बढ़ा दिया है। अपनी मनोकामना पूरी होने पर मुस्लिम परिवार ने दुर्गा मां के मंदिर में पूजा अर्चना की, और बकरे की बलि देकर माता रानी पर आस्था जताई। दरअसल कटिहार के दुर्गा स्थान स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है। फिर चाहे वो किसी भी धर्म का हो। ऐसा ही कुछ हुआ हसनगंज प्रखंड के खोरबा पंचायत के रहने वाली जायदा खातून के परिवार के साथ। जिनकी मनोकामना मां दुर्गा ने पूरी कर दी। जिसके बाद पूरे परिवार ने मंदिर में पूजा अर्चना की।
जायदा खातून ने बताया कि उनके पुत्र की शादी के बाद 5 साल बाद भी संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी। डॉक्टरों से लेकर कई जगहों के उन्होने चक्कर लगाए। इसी दौरान वो दुर्गा स्थान स्थित दुर्गा मंदिर होकर गुजर रही थी, फिर वो माता के दरबार पहुंच गई। उन्होंने अपनी मन्नत को माता के समक्ष रखा और मनोकामना पूरी होने पर परिवार के साथ बकरे की बलि देने और प्रसाद चढ़ाने की कामना की थी।
कहते है कि आस्था का कोई अंत नहीं होता, और न कोई बंधन। बिहार के कटिहार जिले से जो वाकया सामने आया है, उसने मां दुर्गा पर भक्तों की आस्था को और बढ़ा दिया है। अपनी मनोकामना पूरी होने पर मुस्लिम परिवार ने दुर्गा मां के मंदिर में पूजा अर्चना की, और बकरे की बलि देकर माता रानी पर आस्था जताई। दअसल कटिहार के दुर्गा स्थान स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है। फिर चाहे वो किसी भी धर्म का हो। ऐसा ही कुछ हुआ हसनगंज प्रखंड के खोरबा पंचायत के रहने वाली जायदा खातून के परिवार के साथ। जिनकी मनोकामना देवी ने पूरी कर दी। जिसके बाद पूरे परिवार ने मंदिर में पूजा अर्चना की।
जायदा खातून ने बताया कि उनके पुत्र की शादी के बाद 5 साल बाद भी संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी। डॉक्टरों से लेकर कई जगहों के उन्होने चक्कर लगाए। इसी दौरान वो दुर्गा स्थान स्थित दुर्गा मंदिर होकर गुजर रही थी, और वो माता के दरबार पहुंच गई। उन्होंने अपनी मन्नत को माता के समक्ष रखा और मन्नत पूरी होने पर परिवार के साथ बकरे की बलि देने और प्रसाद चढ़ाने की कामना की थी
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जब उनकी बहु को पुत्री की प्राप्ति हुई तो वो खुश होकर मां दुर्गा के दरबार पहुंची और बकरे की बलि चढ़ाकर, माता के दरबार में प्रसाद भेंट किया। मां दुर्गा के प्रति विश्वास और आस्था जताई। वहीं दुर्गा मंदिर कमेटी के प्रभाकर झा ने बताया कि माता के दरबार में सभी धर्म-जाति के लोग यहां पहुंचते हैं। आज एक मुस्लिम परिवार भी पहुंचा और माता के दरबार में मन्नत मांगी थी, जो पूरी हुई। मन्नत पूर्ण होने पर वो यहां पहुंची थीं। मंदिर में सभी जाति धर्म के लोग आते हैं, और कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।