नवरात्र के अवसर पर शुक्रवार को आरजेडी चीफ लालू यादव ने पटना में श्री श्री 108 काली पूजा समिति द्वारा स्थापित भव्य मां काली की प्रतिमा के दर्शन किए। इस दौरान शहर के कई दुर्गा पंडालों में भी घूमे, इस दौरान बेटी मीसा भारती भी बच्चों के साथ पहुंची थीं।
जायदा खातून ने बताया कि उनके पुत्र की शादी के बाद 5 साल बाद भी संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी। जिसके बाद वो कटिहार के मां दुर्गा के मंदिर पहुंची और मन्नत मांगी थी, जो पूरी हो गई। जिसके बाद परिवार के साथ मंदिर पहुंचकर पूजा- अर्चना की। और बकरे की बलि दी।
शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि पर गोरखनाथ मंदिर में आयोजित कन्या पूजन के दौरान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौ दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं के पांव पखारे और विधि-विधान से उनका पूजन किया।
Navratri Day 9 : नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना, हवन और कन्या पूजन के साथ ही शारदीय नवरात्रि का समापन हो जाता है। मान्यता है कि सिद्धिदात्री मां की पूजा करने से हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
Navratri Ashtami and Navami Kanya Pujan Best Time: इस साल नवरात्रि की अष्टमी व नवमी एक ही दिन 11 अक्टूबर को मनाई जा रही है। अष्टमी व नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ हवन पूजन का भी विधान है। जानें आज के कन्या पूजन विधि व मुहूर्त-
दिल्ली के मंदिर अलग-अलग तारीख में नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि का पूजन कर रहे हैं। कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत बताते हैं कि अष्टमी-नवमी पर थोड़ा मतभेद है, दशहरा शनिवार को मनाया जाएगा।
हिंदू धर्म में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना के साथ कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। भक्तजन छोटी कन्याओं को भोजन कराते हैं और उन्हें सम्मानित करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन कन्याओं के रूप में मां दुर्गा स्वयं विराजमान होती हैं और उनकी पूजा करने से असीम कृपा प्राप्त होती है।
Happy Maha Navami 2024: महानवमी और दुर्गा पूजा पर अपनों को भेजें मां की भक्ति से भरे ये मैसेज। शेरवाली के नाम से करें दिन की शुरुआत।
नवरात्रि के नौ दिनों में से किसी भी दिन हवन किया जा सकता है लेकिन अष्टमी व नवमी तिथि को इसका विशेष महत्व है। इस समय शारदीय नवरात्रि चल रही है। दृग पंचांग के अनुसार इस साल अष्टमी और नवमी एक ही दिन यानी 11 अक्टूबर को है।
नवरात्र के अंतिम दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है। मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करने वाली हैं। सभी देवी-देवताओं को मां से ही सिद्धियों की प्राप्ति हुई हैं। भगवान शिव ने भी मां की तपस्या कर सिद्धियों को प्राप्त किया।