महाकुंभ की वायरल सुंदरी हर्षा रिछारिया अब फूट-फूटकर रोईं, संगम तट छोड़ने का किया ऐलान
महाकुंभ की वायरल सुंदरी हर्षा रिछारिया अब फूट-फूटकर रो रही हैं। हर्षा ने महाकुंभ छोड़ने का फैसला कर लिया है। कुछ संतों के साथ ही कुछ मीडिया चैनलों पर निशाना साधते हुए उन्हें महाकुंभ छोड़ने पर मजबूर करने का आरोप लगाया है।
महाकुंभ की वायरल सुंदरी हर्षा रिछारिया अब फूट-फूटकर रो रही हैं। हर्षा ने महाकुंभ छोड़ने का फैसला कर लिया है। कुछ संतों के साथ ही कुछ मीडिया चैनलों पर निशाना साधते हुए उन्हें महाकुंभ छोड़ने पर मजबूर करने का आरोप लगाया है। हर्षा ने कहा कि एक लड़की जो धर्म से जुड़ने आई थी, धर्म को जानने आई थी। सनातन संस्कृति को जानने आई थी। उसे इस लायक नहीं छोड़ा कि वह पूरे कुंभ में भी रुक पाए। यह ऐसा कुंभ है जो हमारे जीवन में एक बार ही आएगा, उसे आप लोगों ने मुझसे छीन लिया है। इसके पुण्य का तो नहीं पता लेकिन जिन लोगों के कारण मुझे महाकुंभ छोड़ना पड़ रहा है उन्हें इसका पाप जरूर लगेगा।
हर्षा ने कहा कि यहां आने के बाद जो कुछ भी हुआ है उसमें मेरी कोई गलती नहीं है। मैं पहले पूरे महाकुंभ के लिए यहां रहने आई थी। लेकिन मेरा नाम विवादों में घसीट दिया गया। हर्षा फिलहाल मीडिया कैमरों से दूर एक छोटे से टेंट के कॉटेज में रह रही हैं। उन्होंने कहा कि इस काटेज में रहने के लिए उन्हें मजबूर कर दिया गया है। अब इस काटेज को ही दिनभर देखना है तो इससे बेहतर है मैं यहां से चली जाऊं।
हर्षा ने पिछले हफ्ते निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान एक रथ पर साधु संतों के साथ महाकुंभ में प्रवेश किया था। इसी दौरान कुछ मीडिया चैनलों ने उनसे बातचीत की और इसी बातचीत के बाद ही महाकुंभ का सबसे चर्चित चेहरा बन गई थीं। रातों-रात हर्षा महाकुंभ की सबसे खूबसूरत साध्वी के नाम से मशहूर हो गईं। उनकी तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल होने लगे। इसे देखकर खुद हर्षा भी तब गदगद नजर आईं थी। उन्होंने तब खुद कहा था कि इस तरह से गूगल और यूट्यूब की ट्रेडिंग में आना बहुत अच्छा लग रहा है। इंस्टाग्राम पर उनके फालोअर्स तीन दिन में ही साढ़े पांच लाख से दस लाख के पार हो गए।
इसी बीच इंस्टाग्राम से ही उनकी कुछ पुरानी तस्वीरें और वीडियो भी वायरल होने लगे।उन्हें एंकर, होस्ट, एक्ट्रेस के साथ ही मॉडल कहा जाने लगा। इससे चिंतित हर्षा ने साफ किया कि वह साध्वी नहीं हैं। वह केवल साध्वी बनने की राह में हैं। वह चाहती हैं कि साध्वी बने लेकिन अभी बनी नहीं हैं। हर्षा के जरिए पूरे निरंजनी अखाड़े को दूसरे अखाड़े के संतों ने निशाने पर ले लिया। संतों ने पेशवाई और शाही स्नान के दौरान हर्षा को रथ पर बैठाने को गलत परंपरा बताया। कई संतों ने सीधे कैलाशानंदगिरि पर हमले शुरू कर दिए।
ऐसे में हर्षा ने कहा कि बहुत सी चीजें मेरे संज्ञान में आईं है जो कि बहुत ही गलत है। अब बात मेरे गुरुदेव (कैलाशानंद गिरि) तक आ गई हैं। जैसे एक बच्चा होता है, वह अपने माता-पिता के बारे में नहीं सुन सकता, वैसे ही मैं अपने गुरुदेव के बारे में नहीं सुन सकती हूं। हर्षा ने कहा कि मैं सभी साधु संतों का बहुत सम्मान करती हूं। लेकिन सभी लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि एक महिला के बारे में कैसी बातें कर रहे हैं।
क्यों भड़कीं हर्षा
हर्षा ने कहा कि कुछ गैर धर्म के रिपोर्टर हैं जो महाकुंभ में आए हैं। कुछ चैनलों के रिपोर्टर ने मिलकर मुझे एंकर और एक्टर की जगह मॉडल बना दिया है। जबकि मैंने कभी मॉडलिंग नहीं की। मेरे प्रोफाइल में भी नहीं है। जैसे मुझे साध्वी का टैग दिया गया, उसी तरह मॉडल का टैग दे दिया गया है। इसी तरह खुद को संत बताने वाले काली सेना के अध्यक्ष आनंद स्वरूप खुद शादीशुदा हैं। वह भी मुझ पर उंगली उठा रहे हैं। वह मुझे नाचने गाने वाली बता रहे हैं। आप पहले खुद में झाकिए कि आप कितने सही हैं, कितने साफ हैं। उसके बाद किसी पर उंगली उठाइए। आपको सभ्यता का बिल्कुल एहसास नहीं है। आप एक संत बताकर इस महाकुंभ में हैं। इस महाकुंभ की परंपरा को कहां लेकर जा रहे हैं। आप मेरे कंधे पर बंदूक रखकर मेरे गुरुजी पर चला रहे हैं। उन्होने क्या किया है।
मानहानि के केस की धमकी
हर्षा ने कहा कि सोशल मीडिया पर मसाले के लिए कुछ कंटेट क्रिएटर और अपनी टीआरपी के लिए कुछ न्यूज रिपोर्टर जो कुछ कर रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी हो रही है। इनके सभी पेजेज तैयार कराने के लिए वकील से बात हुई है। संत आनंद स्वरूप जी ने जिस तरह से मेरे और मेरे गुरुदेव के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है, उसका उन्हें हक ही नहीं है। मेरे गुरुदेव जहां पर हैं, वहां आप पहुंच ही नहीं सकते हैं। अगर अब इससे आगे बात बढ़ी तो उनके खिलाफ और जो लोग मेरे ऊपर और मेरे गुरुदेव के ऊपर किचड़ उछाल रहे हैं, सभी के खिलाफ मानहानि का दावा करूंगी।