महाकुंभ में वायरल हुईं हर्षा रिछालिया निरंजनी अखाड़े के संतों के साथ ही रथ पर सवार होकर शाही स्नान के लिए संगम तट के लिए रवाना हुईं। एक्स पर वीडियो पोस्ट करने के साथ उन्होंने लिखा कि शाही स्नान से खुद को तृप्त कर लिया।
शाही स्नान की तैयारियां मंगलवार की भोर से ही निरंजनी अखाड़े के शिविर में शुरू हो गई थीं। इस दौरान कई परंपराओं का निर्वहन किया गया। हर्षा भी साधु संतों के साथ ही परंपराओं के निर्वहन के दौरान मौजूद रहीं।
निरंजनी अखाड़े के संतों के साथ जब हर्षा भी संगम की ओर शाही स्नान के लिए निकलीं तो उस समय सूर्योदय भी नहीं हुआ था। भीषण ठंड के कारण उन्होंने भगवा वस्त्र के साथ ही भगवा शाल भी ओड़ रखी थी।
निरंजनी अखाड़े के शिविर से निकलने के बाद रथ तक जाने के दौरान पूरे रास्ते वह हाथ जोड़े दिखाई दीं। उन्हें अपने कैमरों और मोबाइल फोन में कैद करने की होड़ दिखी। इस दौरान एक दिन पहले जिन कैमरामैनों और मीडिया के लोगों ने उन्हें वायरल किया था उनका झुककर शुक्रिया अदा करना भी हर्षा नहीं भूल रही थीं।
रथ से उतरने के बाद हर्षा संगम की ओर जाते समय बिना चप्पल ही दिखाई दीं। इस दौरान भी उनसे बातचीत करने और उनकी तस्वीरें उतारने को लोग बेताब दिखे। काफी लोग उनके साथ अपनी सेल्फी भी लेते दिखाई दिए।
संगम तट पर पहुंचने के बाद संतों और स्वयंसेवकों के घेरे में हर्षा ने डुबकी लगाई।
हर्षा रिछालिया शनिवार को मीडिया से बातचीत के बाद खुद को साध्वी बताने के बाद वायरल हो गई थीं। उन्हें महाकुंभ की सबसे खूबसूरत साध्वी कहा जाने लगा था। दो दिनों तक तो खुद भी वह सबसे खूबसूरत साध्वी का तमगा पाकर गदगद रहीं लेकिन सोमवार को अपनी ही बात से पलट गईं। कह दिया कि अभी वह साध्वी नहीं बनी हैं, ऐसे में उन्हें साध्वी नहीं कहा जाए।
हर्षा के खुद को साध्वी बताने वाले बयान से पलटने के पीछे यही कुछ तस्वीरों और वीडियो को कारण माना जा रहा है। हर्षा ने दो साल पहले साध्वी बनने की बात कह दी थी। जबकि उनके इंस्ट्राग्राम और सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें मिलीं जिसमें वह दो महीने पहले तक एंकरिंग करते नजर आ रही हैं।
हर्षा के इस्टाग्राम पर आठ लाख से ज्यादा फालोअर्स हैं। इनसे से करीब तीन लाख पिछले तीन दिनों यानी महाकुंभ में आने और वायरल होने के बाद बने हैं। इस्टाग्राम पर भी हर्षा ज्यादातर हिंदू, सनातन धर्म और हिंदुत्व की बातें करती दिखाई देती हैं।
हर्षा ने अपने इंस्टाग्राम पर निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ भी तस्वीरें डाली हैं। वह महाकुंभ में आने से पहले भी उनके आश्रम में जाती रही हैं। उनका कहना है कि स्वामी जी के पास आने के बाद ही उन्हें साधना की शिक्षा मिली। साधना से ही उन्हें काफी सुकून मिल रहा है।