Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Mahakumbh Steve Jobs s wife Lauren suddenly departed from prayagraj took initiation of Kali Mantra before leaving

महाकुंभ से अचानक विदा हुईं स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन, जाने से पहले ली काली मंत्र की दीक्षा

महाकुंभ में आईं विश्व की सबसे अमीर महिलाओं में शुमार एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स चार दिनों तक यहां के अनुभव समेटने के बाद बुधवार को प्रयागराज से रवाना हो गईं। 12 जनवरी को जब वह महाकुम्भ नगर में आई थीं तब उनका नाम लॉरेन था लेकिन यहां से गईं तो एक नए नाम कमला के साथ।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, महाकुम्भ नगर वरिष्ठ संवाददाता।Wed, 15 Jan 2025 08:06 PM
share Share
Follow Us on

महाकुंभ में आईं विश्व की सबसे अमीर महिलाओं में शुमार एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स चार दिनों तक यहां के अनुभव समेटने के बाद बुधवार को प्रयागराज से रवाना हो गईं। 12 जनवरी को जब वह महाकुम्भ नगर में आई थीं तब उनका नाम लॉरेन था लेकिन यहां से गईं तो एक नए नाम कमला के साथ। सनातन धर्म ने लॉरेन को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने महाकुम्भ प्रवास के दौरान अपने गुरु व निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा ली। गुरु ने लॉरेन को अपना गोत्र देने के साथ ही उन्हें कमला नाम दिया। रवानगी से पूर्व स्वामी कैलाशानंद ने उन्हें मां काली का बीज मंत्र भी दिया है। स्वामी कैलाशानंद का कहना है कि वह इसका जाप करेंगी। लॉरेन के पहले 29 जनवरी मौनी अमावस्या तक कल्पवास की चर्चा थी।

लॉरेन की रुचि हमेशा से सनातन धर्म में रही। इसके पहले जब वो भारत आईं तो यहां की संस्कृति ने उन्हें बहुत आकर्षित किया था। वह निरंजनी पीठाधीश्वर के संपर्क में आईं। चार दिनों तक गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में यज्ञ व पूजा की और बेहद सादगी से रहीं। वह अखाड़े में होने वाले सभी धार्मिक आयोजनों में शामिल हुईं।

ये भी पढ़ें:महाकुंभ में सबसे खूबसूरत साध्वी के नाम से मशहूर हर्षा पलटीं, बताई अपनी सच्चाई
ये भी पढ़ें:महाकुंभ में छा गईं यह साध्वी, इंस्टा पर लाखों फॉलोअर्स, पुराने VIDEO क्यों वायरल

उन्हें मकर संक्रांति के अमृत स्नान में शामिल होना था लेकिन स्वास्थ्य कारणों ऐसा हो न सका। बुधवार सुबह गुरु कैलाशानंद गिरि ने उन पर गंगाजल छिड़का और उन्हें दीक्षा दी। साथ ही मां काली का बीज मंत्र दिया। इसके बाद वह प्रयागराज से रवाना हो गईं। उनके गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि अब जब भी वो (लॉरेन) भारत आएंगी तो उन्हें कमला नाम से ही जाना जाएगा।

ये भी पढ़ें:महाकुंभ में स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन ने ली दीक्षा, कैलाशानंद ने दिया बीज मंत्र
ये भी पढ़ें:महाकुंभ: शिविर में रहीं स्टीव जॉब्स की पत्नी, अखाड़े संग नहीं किया संगम स्नान

भूटान सरकार ने विशेष अतिथि बना भेजा चार्टर प्लेन

प्रयागराज। भूटान सरकार ने लॉरेन पॉवेल जॉब्स को अपना विशेष अतिथि बनाया है। बुधवार को भूटान सरकार ने उनके लिए एक विशेष विमान भेजा था। लॉरेन अपनी टीम के साथ प्रयागराज एयरपोर्ट से रवाना हो गईं। सूत्रों के अनुसार, लॉरेन पॉवेल जॉब्स भूटान में भी आध्यात्मिक यात्रा पर रहेंगी। भूटान सरकार ने उन्हें विशेष सम्मान देते हुए चार्टर प्लेन भेजा। यह माना जा रहा है कि भूटान के बौद्ध धर्म और आध्यात्मिक परंपराओं को लेकर भी उनका गहन आकर्षण है।

तो क्या पति की इच्छा पर संगमनगरी आई थीं लॉरेन

महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ नगर से लॉरेन पॉवेल के जाने के बाद सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है, जिसमें एक चिट्ठी का जिक्र कर बताया गया है कि उनके पति(स्टीव जॉब्स) की इच्छा पूरी करने के लिए वह महाकुम्भ में आई थीं। कहा जा रहा है कि स्टीव ने 1974 में एक चिट्ठी में कुम्भ में आने की इच्छा जताई थी। जिसे हाल ही में बोनहम्स की ओर से पांच लाख 312 अमेरिकी डॉलर में नीलाम किया गया। यह पत्र जॉब्स में 19 वर्ष में अपने बचपन के दोस्त ट्रिम ब्राउन को भेजा था।

अगला लेखऐप पर पढ़ें