महाकुंभ: शाम तक शिविर में रहीं स्टीव जॉब्स की पत्नी, अखाड़े संग लॉरेन ने नहीं किया संगम स्नान
- महाकुम्भ पहुंची एप्पल संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने मकर संक्रांति पर अखाड़े के साथ संगम में डुबकी नहीं लगाई। उनके गुरु और निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि तबीयत खराब होने के कारण लॉरेन पॉवेल स्नान करने नहीं आई।
महाकुम्भ में खासी चर्चा बटोर रहीं एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने मकर संक्रांति के पहले अमृत (शाही) स्नान में अखाड़े के साथ संगम में डुबकी नहीं लगाई। उनके गुरु और निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने संगम स्नान के बाद मीडिया को बताया कि तबीयत खराब होने के कारण लॉरेन पॉवेल स्नान करने नहीं आई। वह (लॉरेन) कभी इतनी भीड़ में नहीं रहीं। उनके हाथ में एलर्जी हो गई है। हालांकि वह अपने गुरु के साथ सोमवार को रात्रि पूजन में मौजूद रहीं। मंगलवार को दिन में हवन, पूजन और अभिषेक में भी रहीं।
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने मंगलवार सुबह कहा था कि लॉरेन जॉब्स के स्नान की व्यवस्था वह दिन में कराएंगे। हालांकि देर शाम तक वह शिविर में ही रहीं और संगम स्नान करने नहीं गई। आचार्य महामंडलेश्वर ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि सनातन के लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर साधु संन्यासियों का आशीष लिया। उन्होंने कहा कि यही सनातन है जो दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता। आज पूरी दुनिया सनातन के लिए लालायित है। स्वामी कैलाशानंद ने कहा कि आज मीडिया के माध्यम से सनातन को पूरी दुनिया में लोग देख पा रहे हैं। इस अलौकिक परंपरा से दुनिया के सभी लोग जुड़ना चाहते हैं।
सनातन धर्म के बारे में पूछती हैं हजारों सवाल
लॉरेन पॉवेल जॉब्स को अपना गोत्र देने और पुत्री समान मानने वाले गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि वह सनातन धर्म और गुरु के बारे में जानना चाहती हैं। उसके हजारों सवाल हैं जिनका उत्तर आचार्य महामंडलेश्वर को देना पड़ता है। उनके सारे प्रश्न सनातन से जुड़े हुए हैं, जिसका उत्तर उन्हें प्राप्त होता है और वह आदित होती है। कहा कि वह बहुत सरल, सहज, सहृदय और सात्विक हैं। उन्हें किसी चीज का मद या अहंकार नहीं है।