अगर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं तो यात्रियों को सात दिनों के बाद जाने दिया जाएगा। ऑपरेशन कावेरी के तहत भारत सरकार, सूडान से लगभग 3,000 भारतीय मूल के यात्रियों को निकालने के लिए तैयार है।
मालूम हो कि हिंसा और अराजकता के बीच सूडान से राजनयिकों के भागने का मंजर स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है, लेकिन ये दृश्य संघर्षग्रस्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय हित की सीमा को भी दर्शाते हैं।
हवाईपट्वी की विजिबिलिटी काफी कम थी। यहां न तो ईंधन की व्यवस्था थी और ना है नाइट लैंडिंग की सुविधा।पायलटों ने खतरों से खेलते हुए रात में लैंडिंग करने के लिए नाइट विजन गॉगल्स (एनवीजी) का इस्तेमाल किया।
Operation Kaveri: भारतीय नागरिक ने वहां से निकलने के लिए या तो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है या फिर वे दूतावास के संपर्क में हैं। उनमें से 1,700 से अधिक अब तक वहां से निकाले जा चुके हैं।
भारत लौटने वाले लोगों के चेहरे पर खुशी का ठिकाना नहीं था। दिल्ली एयरपोर्ट लैंड होते ही यात्रियों ने भारत माता की जय, नरेंद्र मोदी जिंदाबाद और इंडियन आर्मी जिंदाबाद के नारे लगाए।
सूडान से भारतीय नागरिकों को निकालने के अभियान 'ऑपरेशन कावेरी' के तहत भारत ने जेद्दा में पारगमन सुविधा स्थापित की है। सूडान से निकाले जाने के बाद भारतीय नागरिकों को सऊदी अरब के इस शहर में लाया जा रहा।
विदेश मंत्रालय और सूडान में स्थित भारतीय दूतावास, सूडानी अधिकारियों के अलावा संयुक्त राष्ट्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मिस्र और अमेरिका सहित अन्य के नियमित रूप से संपर्क में हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सूडान में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। पीएम ने बैठक के दौरान सूडान के घटनाक्रम का आकलन किया।
अधिकांश भारतीय सूडान के चार शहरों ओमडुरमैन, कसाला, गेडारेफ या अल कादरीफ और वाड मदनी में बसे हुए हैं।ओमडुरमैन को छोड़ सभी शहर खार्तुम से 200 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि ओमडुरमैन सिर्फ 25KM दूर है।
सूडान में जारी खूनी संघर्ष के केंद्र में दो लोग हैं। इनमें एक सूडान के सैन्य नेता अब्देल फत्ताह अल-बुरहान और दूसरे अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के कमांडर मोहम्मद हमदान दगालो हैं।