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इन दो जनरल के वर्चस्व की लड़ाई में धधक रहा सूडान, आर्मी ने पैरामिलिट्री बेस पर की एयरस्ट्राइक 

सूडान में जारी खूनी संघर्ष के केंद्र में दो लोग हैं। इनमें एक सूडान के सैन्य नेता अब्देल फत्ताह अल-बुरहान और दूसरे अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के कमांडर मोहम्मद हमदान दगालो हैं।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 17 April 2023 09:46 AM
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सूडान की राजधानी खार्तूम और अन्य इलाकों में सेना तथा अर्द्धसैनिक बलों के बीच लड़ाई और तेज हो गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सेना ने रविवार को प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बलों के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर सत्ता के लिए हो रहे खूनी संघर्ष में बढ़त हासिल कर ली है। इस संघर्ष में एक भारतीय समेत कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई है। इनमें तीन संयुक्त राष्ट्र कार्यकर्ता भी शामिल हैं। डॉक्टरों के एक संगठन ने रविवार को बताया कि हिंसा में कम से कम 670 लोग जख्मी हुए हैं। इस संघर्ष से लोकतंत्र बहाल करने की उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा है। 
     
राजधानी खार्तूम , नजदीक के ओमदुरमन एवं अन्य स्थानों पर रविवार को भीषण लड़ाई जारी रही, जिसमें बख्तरबंद वाहनों, लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया। सेना और उसके पूर्व साझेदार तथा अब प्रतिद्वंद्वी रैपिड सपोर्ट फोर्स समूह (आरएसएफ) के बीच महीनों के तनाव के बाद संघर्ष हुआ है।

दो जनरल के बीच वर्चस्व की लड़ाई:
सूडान में जारी खूनी संघर्ष के केंद्र में दो लोग हैं। इनमें एक सूडान के सैन्य नेता अब्देल फत्ताह अल-बुरहान और दूसरे अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के कमांडर मोहम्मद हमदान दगालो हैं। कुछ समय पहले तक ये दोनों सहयोगी थे। इस जोड़ी ने 2019 में सूडानी राष्ट्रपति उमर अल-बशीर को अपदस्थ करने के लिए एक साथ काम किया था और 2021 में भी सैन्य तख्तापलट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 

बाद में नागरिक शासन को बहाल करने की योजना के दौरान सेना में आरएसएफ को एकीकृत करने के लिए बातचीत के दौरान दोनों के बीच विवाद और तनाव उत्पन्न हो गया। अब दोनों के बीच इस बात पर विवाद है कि नए पदानुक्रम में कौन सीनियर होगा और कौन उसके मातहत होगा?इसी वर्चस्व की लड़ाई में दोनों सैन्य कमांडर के बीच खूनी संघर्ष छिड़ चुका है।

अब्दुल फतह अल बुरहान मूल रूप से सूडान का नेता है। बशीर के पतन के समय बुरहान सेना के महानिरीक्षक थे। उनका करियर दागलो के समानांतर रहा है। अब्दुल फतह अल बुरहान के नेतृत्व वाली सेना ने एक बयान में आरएसएफ के साथ बातचीत से इनकार करते हुए इसे भंग करने की बात कही है और इसे 'बागी मिलिशिया' करार दिया है। 

अर्द्धसैनिक समूह 'आरएसएफ' ने सशस्त्र बलों के प्रमुख को 'अपराधी' बताया है। वर्ष 2021 में देश में तख्तापलट हुआ था और अब इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि दोनों के बीच संघर्ष जारी रह सकता है।    
जनरल मोहम्मद हमदान दागलो की अगुवाई वाले आरएसएफ का सशस्त्र बलों में एकीकरण को लेकर सहमति न बन पाने की वजह से यह तनाव उत्पन्न हुआ है।

राजधानी खार्तूम में अराजक स्थिति है, जहां लड़ाके ट्रक पर रखी मशीन गन से अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे हैं। सेना ने शनिवार शाम एक बयान में बताया था कि उसके सैनिकों ने उम्म दुरमान शहर स्थित आरएसएफ के सभी अड्डों पर कब्जा कर लिया है, जबकि लोगों ने बताया कि राजधानी के आसपास अर्द्धसैनिक बल की चौकियों पर हवाई हमले किए गए हैं।
     
सैन्य मुख्यालय के समीप रहने वाले एक प्रमुख मानवाधिकार वादी वकील तहानी अबास ने कहा , ''लड़ाई अभी रुकी नहीं है।'' सेना और आरएसएफ ने खार्तूम और अन्य स्थानों पर रणनीतिक जगहों पर अपने नियंत्रण में होने का दावा किया है, लेकिन उनके दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्ट नहीं हो पायी है।
     
इस बीच, खार्तूम में भारतीय दूतावास ने बताया कि मृतकों में एक भारतीय भी शामिल है, जिसकी पहचान अल्बर्ट ऑगस्टाइन के तौर पर हुई है। वह सूडान में डल ग्रुप कंपनी में काम करता था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारतीय नागरिक की मौत पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि खार्तूम की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और भारत उस देश के घटनाक्रमों पर नजर रखेगा।     

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