सूडान में फंसे भारतीयों को किया जा सकता है एयरलिफ्ट, पीएम ने की हाई लेवल मीटिंग
पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सूडान में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। पीएम ने बैठक के दौरान सूडान के घटनाक्रम का आकलन किया।
सूडान में पिछले कुछ दिनों से चल रहे गृहयुद्ध की स्थिति और भयावह होती जा रही है। वहां सेना और पैरामिलिट्री फोर्स के बीच जंग चल रही है। हर तरफ मचे कत्लेआम से सड़कों पर लाशें पटी पड़ी हैं। सूडान की राजधानी खार्तूम सहित कई बड़े शहरों और अलग अलग इलाकों में खौफ का मंजर है। सूडान में कई भारतीय भी फंसे हैं। इसमें कर्नाटक के 31 आदिवासी समुदाय के लोग भी शामिल हैं। सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी के लिए पीएम नरेंद्र मोदी आज हाईलेवल मीटिंग की और जरूरतों पर समीक्षा की।
पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सूडान में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। ब्रीफिंग में विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, सूडान में भारत के राजदूत और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने सूडान में हाल के घटनाक्रमों का आकलन किया और पूरे देश में मौजूद 3,000 से अधिक भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ जमीनी स्थितियों की पहली रिपोर्ट पर चर्चा की।
पीएम ने की चर्चा
प्रधानमंत्री ने उस भारतीय नागरिक के निधन पर शोक व्यक्त किया, जो पिछले सप्ताह अनजान गोलीबारी का शिकार हो गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने, इस बारे में बारीकी से निगरानी करने और सूडान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का लगातार मूल्यांकन करने और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ने अपने नागरिकों की इमरजेंसी एग्जिट या एयरलिफ्ट करने जैसी योजनाओं की तैयारी, तेजी से बदलते सुरक्षा परिदृश्य और विभिन्न विकल्पों की जरूरतों के निर्देश दिए।
क्या है सूडान में माहौल
गौरतलब है कि सूडान में पिछले कुछ समय से सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच लड़ाई अब सड़क पर उतर चुकी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस खूनी जंग में 300 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। राजधानी खार्तूम समेत कई प्रमुख शहरों में हवाई हमलों और टैंकों से गोलीबारी की भीषण लड़ाई देखी जा सकती है। नतीजन पचास मिलियन लोगों में से अधिकांश बिजली, भोजन और पानी के बिना जीवन जीने को मजबूर हैं। देश के अधिकांश हिस्सों में संचार व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।
कर्नाटक के 31 लोग फंसे
सूडान के कई शहरों में जारी हिंसा में भारतीय समेत 300 लोग मारे जा चुके हैं। सेना और पैरामिलिट्री की जंग में लहूलुहान हो रहे सूडान में कर्नाटक के आदिवासी समुदाय के 31 लोग भी फंसे हैं। कर्नाटक में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने हाल ही में इनकी घर वापसी की मांग उठाई थी। केंद्र सरकार से मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी। बताया जा रहा है कि हक्की-पिक्की समुदाय से ताल्लुक रखने वाले इन आदिवासी लोगों ने जड़ी-बूटी बेचने के लिए सूडान का रुख किया था लेकिन, अब इनके पास खाना-पानी खत्म हो चुका है। ये घरों में कैद हैं और बाहर लगातार धमाकों की आवाजें आ रही हैं।
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