नवरात्रि में कन्या पूजन का होता है विशेष महत्व, मां दुर्गा करती हैं विशेष कृपा
- हिंदू धर्म में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना के साथ कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। भक्तजन छोटी कन्याओं को भोजन कराते हैं और उन्हें सम्मानित करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन कन्याओं के रूप में मां दुर्गा स्वयं विराजमान होती हैं और उनकी पूजा करने से असीम कृपा प्राप्त होती है।
हिंदू धर्म में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना के साथ कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। भक्तजन छोटी कन्याओं को भोजन कराते हैं और उन्हें सम्मानित करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन कन्याओं के रूप में मां दुर्गा स्वयं विराजमान होती हैं और उनकी पूजा करने से असीम कृपा प्राप्त होती है। पंडित सूर्यमणि पांडेय ने बताया कि कन्या पूजन से मां दुर्गा की नौ शक्तियों का प्रतीक माना जाता है। नौ साल तक की कन्याओं को देवी का रूप मानकर पूजा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कन्याओं की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। मां आशापुरी के पुजारी अनिल उपाध्याय व पंडित रवि रंजन उपाध्याय ने बताया कि कन्या पूजन की विधि में सर्वप्रथम कन्याओं को स्नान कराकर उन्हें साफ और नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। इसके बाद उनके चरण धोए जाते हैं और उनके माथे पर तिलक लगाकर पूजा की जाती है। कन्याओं को भोजन में विशेष रूप से हलवा, पूड़ी, और चने का प्रसाद दिया जाता है। पूजा के अंत में उन्हें उपहार और दक्षिणा भेंट की जाती है।
ऐसा माना जाता है कि कन्या पूजन से मां दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है। भक्तों का विश्वास है कि इस अनुष्ठान के माध्यम से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है, साथ ही जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। मां दुर्गा की कृपा से कठिन समय में भी भक्तों को साहस और शक्ति प्राप्त होती है, जिससे वे हर परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। आचार्य पप्पू पांडेय कहते हैं कि नवरात्रि के पावन अवसर पर कन्या पूजन एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। इस पूजा के द्वारा भक्तजन मां दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सुख, समृद्धि और शांति से परिपूर्ण कर सकते हैं।
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