घर में इस आसान विधि से करें हवन, नोट कर लें संपूर्ण पूजन-विधि, सामग्री लिस्ट
- नवरात्रि के नौ दिनों में से किसी भी दिन हवन किया जा सकता है लेकिन अष्टमी व नवमी तिथि को इसका विशेष महत्व है। इस समय शारदीय नवरात्रि चल रही है। दृग पंचांग के अनुसार इस साल अष्टमी और नवमी एक ही दिन यानी 11 अक्टूबर को है।
मां भगवती की उपासना का महापर्व नवरात्रि की महाअष्टमी व महानवमी के दिन पूजा-पाठ, हवन के साथ कन्या पूजन भी किया जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि में हवन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। यूं तो नवरात्रि के नौ दिनों में से किसी भी दिन हवन किया जा सकता है लेकिन अष्टमी व नवमी तिथि को इसका विशेष महत्व है। इस समय शारदीय नवरात्रि चल रही है। दृग पंचांग के अनुसार इस साल अष्टमी और नवमी एक ही दिन यानी 11 अक्टूबर को है। आइए जानते हैं, घर में हवन कैसे करें…
हवन विधि...
प्रात: जल्दी उठ जाना चाहिए।
स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
शास्त्रों के अनुसार हवन के समय पति- पत्नी को साथ में बैठना चाहिए।
किसी स्वच्छ स्थान पर हवन कुंड का निर्माण करें।
हवन कुंड में आम के पेड़ की लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्जवलित करें।
हवन कुंड में सभी देवी- देवताओं के नाम की आहुति दें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कम से कम 108 बार आहुति देनी चाहिए। आप इससे अधिक आहुति भी दे सकते हैं।
हवन के समाप्त होने के बाद आरती करें और भगवान को भोग लगाएं। इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होते हैं। आप हवन के बाद कन्या पूजन भी करवा सकते हैं।
हवन साम्रगी-
आम की लकड़ियां, बेल, नीम, पलाश का पौधा, कलीगंज, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पापल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन का लकड़ी, तिल, कपूर, लौंग, चावल, ब्राह्मी, मुलैठी, अश्वगंधा की जड़, बहेड़ा का फल, हर्रे, घी, शक्कर, जौ, गुगल, लोभान, इलायची, गाय के गोबर से बने उपले, घी, नीरियल, लाल कपड़ा, कलावा, सुपारी, पान, बताशा, पूरी और खीर।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।