Paush Purnima Upay : पौष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। पौष पूर्णिमा पर पूरे विधि-विधान से मां लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की उपासना करने से आर्थिक परेशानियों से राहत मिल सकती है।
Paush Purnima 2025 : इस बार पौष पूर्णिमा और शाकंभरी जयंती का अद्भुत संयोग है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी शाकंभरी का अवतार तब हुआ था, जब धरती पर अकाल पड़ा और जीव-जंतु भूख से व्याकुल हो गए।
Paush Purnima 2025 : पौष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। मान्यता है पौष पूर्णिमा पर पूरी श्रद्धा व सही विधि के साथ मां लक्ष्मी की आराधना करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को है। पौष पूर्णिमा पर स्नान व दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा व्रत करने से व्यक्ति के समस्त पाप जलकर भस्म हो जाते हैं जबकि शीतल जल में डुबकी लगाने से मनुष्य पाप मुक्त होकर स्वर्ग चले जाते हैं।
Paush Purnima 2025 date : पौष पूर्णिमा का व्रत मां लक्ष्मी को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी की उपासना करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
January Purnima 2025 Date: नए साल 2025 के पहले महीने जनवरी में पौष पूर्णिमा पड़ेगी। जानें जनवरी में पौष पूर्णिमा कब है, महत्व व स्नान-दान का मुहूर्त-
हिन्दू पंचांग का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। पंचांग शब्द का अर्थ है , पांच अंगो वाला। पंचांग में समय गणना के पांच अंग हैं- वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण। आइए जानते हैं आज के शुभ, अशुभ मुहूर्त…
Margshirsha Purnima 2024 Daan Samagri : कल 15 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा मनाई जा रही है। इस दिन स्नान-दान के कार्यों का बड़ा महत्व है, लेकिन इस विशेष दिन कुछ चीजों को दान करने से बचना चाहिए।
Margshirsha Purnima 2024 : दृक पंचांग के अनुसार, कल 15 दिसंबर 2024 को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। यह दिन श्रीहरि विष्णुजी की पूजा और स्नान-दान के कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा इस बार विशेष संयोग लेकर आई है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार पूर्णिमा तिथि का आरंभ शनिवार 14 दिसंबर होगा और यह रविवार 15 दिसंबर को समाप्त होगा। स्नान-दान का पुण्यकाल रविवार को रहेगा।
Margashirsha purnima ke din kya kare aur kya nahi: मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन कुछ कार्यों को करना शुभ माना जाता है, जबकि कुछ कार्यों की मनाही होती है। जानें मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन क्या करें-क्या नहीं-
मार्गशीर्ष पूर्णिमा यानी साल की आखिरी पूर्णिमा। इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा 14 दिसंबर को शुरू हो रही है। 14 तारीख को पूर्णिमा तिथि शाम को 4.58 मिनट पर शुरू हो रही है और अगले दिन 15 तारीख को 2.31 मिनट तक रहेगी।