Purnima: कब है फाल्गुन पूर्णिमा? जानें डेट, मुहूर्त व पूजाविधि
- kab hai Phalgun Purnima 2025: मार्च के महीने में फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। मान्यता है फाल्गुन पूर्णिमा पर श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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kab hai Phalgun Purnima: हिंदू धर्म में फाल्गुन पूर्णिमा विशेष महत्व रखती है। फाल्गुन पूर्णिमा तिथि पर विशेष रूप से भगवान श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना बेहद ही शुभ माना जाता है। मान्यता है फाल्गुन पूर्णिमा पर पूरी श्रद्धा भाव के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना करने से सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। इसलिए आइए जानते हैं फाल्गुन पूर्णिमा की सही डेट, पूजा का शुभ मुहूर्त, चंद्र दर्शन टाइम और विधि-
कब है फाल्गुन पूर्णिमा? जानें डेट: हर साल फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन ही फाल्गुन पूर्णिमा पड़ती है। वहीं, मार्च 13, गुरुवार के दिन सुबह 10 बजकर 35 मिनट से पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी, जो शुक्रवार, मार्च 14, 2025 के दिन दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक रहने वाली है। उदयातिथि के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा 14 मार्च को मान्य होगी और इसी दिन पूर्णिमा व्रत और दान-स्नान किया जाएगा।
फाल्गुन पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - मार्च 13, 2025 को 10:35 ए एम
पूर्णिमा तिथि समाप्त - मार्च 14, 2025 को 12:23 पी एम
पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय - 06:38 पी एम
फाल्गुन पूर्णिमा पूजा-विधि
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। वहीं, अगर आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर घर में ही स्नान करें। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की साथ में पूजा करनी चाहिए। इस दिन विष्णु भगवान को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाने चाहिए और मां लक्ष्मी को गुलाबी या लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाना चाहिए। वहीं, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा पढ़ना पुण्यदायक माना जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन पवित्र जल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखने और इस दिन लक्ष्मी नारायण की विधिवत पूजा करने से घर में सुख-संपत्ति और खुशहाली बनी रहती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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