जम्मू-कश्मीर में पुंछ जिले के एक सुदूर गांव में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। सेना के जवानों ने तीन आतंकियों को घेर दिया है। बताया जा रहा है कि इनमें से एक टॉप कमांडर भी है।
कार की टक्कर से बाइक चालक घायलमोंठ। थाना पूंछ क्षेत्र के पूंछ एरच मार्ग पर पेट्रोल समाप्त हो जाने से वाइक के साथ चालक एक कार्बनिक टक्कर मार दी जिससे व
कानपुर के पंचमुखी हनुमान मंदिर पनकी धाम के महंत जितेन्द्र दास शास्त्री के नेतृत्व में 21 जिलों के बजरंग दल के 400 कार्यकर्ताओं ने कश्मीर के पूंछ जिले में तिरंगा फहराया और हनुमान चालीसा का पाठ किया।...
शहीद जवान विक्की पहाड़े की पार्थिव देह को आज सेना के विशेष हेलीकॉप्टर से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लाया गया। वायुसेना के अधिकारियों और जवानों व गांव के लोगों ने उनकी ससम्मान अगवानी की।
विक्की पहाड़े का शव जब उनके पैतृक आवास छिंदवाड़ा पहुंचा तो हुजूम उमड़ पड़ा। हर कोई अपने हीरो को अंतिम विदाई देना चाहता है। 2011 में वायुसेना में गए विक्की पहाड़े अपनी तीन बहनों के बीच इकलौते भाई थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, कॉर्पोरल विक्की पहाड़े पिछले महीने अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए घर गए थे। बहन की शादी हो जाने के बाद 18 अप्रैल को वह यूनिट में वापस लौट गए। वह 33 साल के थे।
सुरक्षा अधिकारियों ने रविवार को बताया कि जिले के सुरनकोट इलाके में शाहसितार के पास शनिवार शाम हुए हमले में वायुसेना के 5 कर्मी घायल हो गए, जिनमें से एक ने सैन्य अस्पताल में दम तोड़ दिया।
22 दिसंबर को सेना की कथित यातना में जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में टोपा पीर गांव के कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस सेना के अज्ञात आरोपियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर चुकी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुंछ में कथित तौर पर सैनिकों के हाथों मारे गए तीन लोगों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने भरोसा दिलाया गया कि आप लोगों को एक महीने के अंदर न्याय मिलेगा।
राजनाथ ने कहा कि उन्हें इस बात का विश्वास है कि सेना जम्मू-कश्मीर की धरती से आतंकवाद का सफाया कर देगी। उन्होंने सेना से कहा कि उन्हें सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि लोगों का दिल भी जीतना है।
इन दोनों जगहों के बीच जंगल है और जिसकी दूरी 30 किलोमीटर तक है। अगर आप सड़क से यात्रा कर रहे हैं तो आपको सुरनकोट से 55 किमी और राजौरी-थानामंडी मार्ग से 80 किमी की दूरी तय करनी होगी।
सेना के अधिकारी ने बताया कि सुरनकोट थाना क्षेत्र में डेरा की गली (डीकेजी) रोड को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। सेना और पुलिस के शीर्ष अधिकारी जमीनी हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
सबसे पहले इस आतंकी संगठन का नाम साल 2019 में खबरों में आया था। यही वह साल था जब जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई गई थी। आतंकी संगठन को जैश ए मोहम्मद के छद्म रूप के तौर पर खड़ा किया गया है।
पूंछ आतंकी हमले में शहीद चंदन कुमार नवादा जिले के रहने वाले थे। उनका परिवार बहुत गरीब है। घर भी जीर्णशीर्ण हालत में है। एक महीने पहले ही चंदन की शादी हुई थी, शहादत की खबर मिलते ही पत्नी बेसुध हो गई।
पुंछ के एसएसपी विनय शर्मा ने कहा, 'हमें हाल के दिनों में आतंकवादियों के बारे में जानकारी मिली है और हमने एक विशिष्ट अभियान चलाया, जिसमें एक आतंकवादी मारा गया और दूसरा घायल हो गया।'
पुंछ टेरर अटैक के बाद सुरक्षाबलों ने जम्मू कशमीर में राजमार्गों पर सेना की आवाजाही के लिए रणनीति में बदलाव किया है ताकि घात लगाकर हमला करने वाले आतंकियों को उसी की भाषा में जवाब दिया जा सके।
सेना के ट्रक पर घात लगाकर हमला करने से कम से कम पांच सैनिक शहीद गए और एक अन्य घायल हो गया था। ट्रक इफ्तार पार्टी के लिए भीमबेर गली से सांगियोटे गांव में फल और अन्य खाने-पीने का सामान लेकर जा रहा था।
पुंछ आतंकी हमले के मामले में पूछताछ के लिए पुलिस ने एक शख्स को समन देकर पेश होने का आदेश दिया था। बताया जा रहा है कि समन से घबराए शख्स ने जहर खाकर आत्महत्या कर दी।
भारतीय सुरक्षाबल जम्मू कश्मीर के पुंछ में 20 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में शामिल दहशतगर्दों को खोजने में जुटे हैं। सीएम योगी ने कहा कि यूपी में माफिया अब सीना तानकर नहीं चलता। पढ़ें 5 टॉप न्यूज..
सूत्रों के अनुसार, आरोपी की पहचान मेंढर के रहने वाले नासिर अहमद के रूप में हुई है। नासिर ने न केवल हमलावरों को साजोसमान दिया था, बल्कि उन्हें लगभग तीन महीने तक अपने घर में रखकर खाना भी खिलाया था।
पुंछ में भारतीय सेना के वाहन पर हुए हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने इस हमले के लिए बेहद घातक रणनीति बनाई थी। हमले के लिए दो एके-47 बंदूकों से 36 राउंड गोलीबारी हुई थी।
आतंकवादी हमले के बाद भीम्बर गली-पुंछ रोड पर यातायात रोक दिया गया और लोगों को मेंढर के जरिए पुंछ जाने की सलाह दी गयी है। शीर्ष अधिकारियों ने पिछले दो दिन में घटनास्थल का दौरा किया है।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले में सर्वोच्च बलिदान देने वाले पांच जवानों में से एक लांस नायक कुलवंत सिंह भी थे। पिता ने 1999 में कारगिल जंग में कुर्बानी दी थी। बेटे को भी वीर अंत मिला।
जम्मू कश्मीर के पुंछ इलाके में सेना के काफिले पर हुई आतंकी वारदात के बाद सुरक्षाबलों ने खुलासा किया कि आतंकियों ने 36 राउंड फायरिंग की थी। आतंकियों को दबोचने के लिए 2000 कमांडो जुटे हैं।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सांगियोट गांव ऐसा भी है जिसने इसे न मनाने का फैसला किया है। इसके पीछे की वजह है- भारतीय सेना के ट्रक पर आतंकियों द्वारा घात लगाकर आतंकी हमले की वारदात को अंजाम देना
जम्मू कश्मीर के पुंछ इलाके में हुए आतंकी हमले में लश्कर के आतंकवादियों ने सेना के जवानों पर रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड का इस्तेमाल किया था। इनपुट हैं कि आतंकी जंगल में घात लगाए छिपे थे।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना के एक बटालियन में शुक्रवार सुबह किसी बात को लेकर हुए विवाद के बीच गोली चल गई। इस घटना में दो जवानों की मौत हो गई है और तीन अन्य सैनिक घायल बताए जा रहे हैं।
जम्मू कश्मीर के पुंछ में अभ्यास के दौरान रॉकेट लांचर का गोला फटने से देवरिया के सोहनपुर निवासी जवान ऋषिकेश चौबे शहीद हो गए। जबकि एक अन्य जवान घायल है। मौत की खबर पहुंचते ही पूरे गांव में मातम पसर गया।
देश की आन, बान और शान के लिए हमारे जवान अपनी जान को दांव पर लगाने से कभी बाज नहीं आते। हमारे जवानों के अदम्य साहस की वजह से ही दुश्मन हमारी तरफ आंख उठा कर देखने से भी कतराते हैं। देश के प्रति समर्पित...
देश में जारी कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच, भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स के रोमियो फोर्स ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुर्जर और बकरवल समुदाय की प्रवासी आबादी के लिए कोरोना...