पिंडदान कराने वाले गयापाल विजय लाल विह्वल ने बताया कि अमेरिका, रूस समेत करीब 15 देशों के 60 पिंडदानियों का जत्था रविवार को विष्णुपद पहुंचा। सभी सनातन धर्म को मानने वाले हैं। सनातनी परंपरा के अनुसार अपने पूर्वजों के लिए सबसे पहले फल्गु के देवघाट पर बैठकर पिंडदान किया।
Pitru Paksha 14th Day: 14वें दिन को चतुर्दशी श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। पितरों का श्राद्ध हमेशा सही तिथि, मुहूर्त व विधि के अनुसार करना चाहिए। आइए जानते हैं पितृपक्ष चतुर्दशी श्राद्ध के दिन किसका श्राद्ध करना चाहिए।
Shradh 14th Day : 1 अक्टूबर, 2024 के दिन पितृपक्ष का 14वां दिन या चतुर्दशी श्राद्ध तिथि रहेगी। पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म करने से पितृ दोष से भी मुक्ति मिल सकती है। जानें पितृपक्ष के 14वें दिन पितरों का श्राद्ध किस समय में करना शुभ रहेगा।
1 अक्टूबर को चतुर्दशी श्राद्ध है। शास्त्रों अनुसार जिस व्यक्ति की मृत्यु किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष की या कृष्ण पक्ष की जिस तिथि को होती है उसका श्राद्ध कर्म पितृपक्ष की उसी तिथि को ही किया जाता है। आइए जानते हैं, चतुर्दशी श्राद्ध विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट...
Pitru Paksha 13th Day: 13वें दिन को त्रयोदशी श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। सही समय के दौरान और सही तिथि पर पितृ पक्ष के दिनों में श्राद्ध करना जरूरी माना गया है। आइए जानते हैं पितृपक्ष त्रयोदशी श्राद्ध को किसका श्राद्ध करना चाहिए।
भस्मकूट पहाड़ी पर स्थित भीमगया वेदी पर महाबली भीम ने अपने पिता पांडु की मक्ति के लिए पिंडदान किया था। भीमगया वेदी पर आज भी कर्मकांड के लिए कतार लगती है।
Pitru Paksha 13th Day : 30 सितंबर, 2024 के दिन पितृपक्ष का 13वां दिन या त्रयोदशी श्राद्ध तिथि रहेगी। पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म करने से पितरों की कृपा बनी रहती है। जानें पितृपक्ष के 13वें दिन पितरों का श्राद्ध किस समय करना चाहिए।
Pitru Paksha 12th Day: आज पितृ पक्ष का द्वादशी व मघा श्राद्ध है। पितृपक्ष में शुभ मुहूर्त व सही तिथि की जानकारी लेकर ही श्राद्ध कर्म करने चाहिए। आइए जानते हैं पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि पर किसका श्राद्ध करना चाहिए।
Magha Shradh 2024 : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि पर मघा श्राद्ध किया जाएगा। ऐसी मान्यता है की मघा श्राद्ध के दिन पितरों का तर्पण व श्राद्ध करने से पितर अपने वंशजों को खूब आशीर्वाद देते हैं।
Shradh Day 12: 29 सितंबर, 2024 के दिन पितृपक्ष का 12वां दिन या द्वादशी श्राद्ध तिथि रहेगी। पितृ पक्ष के दौरान पितरों की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध कर्म जरूरी माने गए हैं। जानें पितृपक्ष के 12वें दिन पितरों का श्राद्ध किस समय में करना शुभ रहेगा।
Sarva Pitru Amavasya 2024 : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पितृ विसर्जन अमावस्या के नाम से जाना जाता है। वैसे तो हर महीने की अमावस्या पितरों की पुण्य तिथि मानी गयी है लेकिन आश्विन मास की अमावस्या पितरों के लिए विशेष फलदायक होती है।
श्राद्ध पक्ष 18 सितंबर मे शुरू हुआ था। उस दिन चंद्र ग्रहण भी था। श्राद्ध पक्ष 2 अक्तूबर को भाद्रपद मास की अमावस्या पर खत्म होगा। इसे सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं। जिन पूर्वजों की मृत्यु की सही तारीख पता न हो, उनका श्राद्ध सर्व पितृ अमावस्या पर किया जाता है।
शास्त्रों में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या का महत्व बताया गया है। पितरों का इस अमावस्या में श्राद्ध किये जाने पर इस तिथि को सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं। इस दिन सभी पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है। पितरों की तिथि याद न होने पर सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरु होकर आश्विन मास की अमावस्या तक चलते हैं। दृग पंचांग के अनुसार 27 सितंबर को एकादशी का श्राद्ध है। आइए जानते हैं, एकादशी श्राद्ध विधि और पूजन सामग्री लिस्ट-
राजकुमार शर्मा ने कहा कि बटवारा होते ही पाकिस्तान में रहने वाले उनके तीन गोत्र के 300 रिश्तेदारों की हत्या कर दी गई थी। जवान लड़कों को मार दिया गया। सिर्फ बूढ़े और बच्चे छूटे थे। बच्चे होने की वजह से वह बच गए थे।
Pitru Paksha 10th Day: दसवें दिन को दशमी श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। पितृपक्ष के दिनों में श्राद्ध करते समय शुभ मुहूर्त व सही तिथि का ज्ञात होना जरूरी माना गया है। आइए जानते हैं पितृ पक्ष की दशमी तिथि को किसका श्राद्ध करना चाहिए।
Shradh 10th Day : 26 सितंबर, 2024 के दिन पितृपक्ष का दसवां दिन या दशमी श्राद्ध तिथि रहेगी। पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। जानें पितृपक्ष के दसवें दिन पितरों का श्राद्ध किस समय में करना शुभ रहेगा।
Magha Shraddh date 2024: 16 दिनों के पितृपक्ष में लोग अपने पितरों का तर्पण और पिंडदान करते हैं। इन दिनों कई महत्वपूर्ण श्राद्ध होते हैं। पितृपक्ष में जब मघा नक्षत्र होता है, तो इस दिन को मघा श्राद्ध कहते हैं।
Pitru Paksha 9th Day: नौवें दिन को नवमी श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। शुभ मुहूर्त में और सही तिथि पर पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध करना जरूरी माना गया है। आइए जानते हैं पितृपक्ष नवमी श्राद्ध को किसका श्राद्ध करना चाहिए।
Shradh Bhoj Niyam: श्राद्ध पक्ष में पितरों की आत्मशांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। मान्यता है कि पितरों का श्राद्ध कर्म करते समय कुछ विशेष बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
Pitra Dosh : श्राद्ध पक्ष में पितरों की आत्माशांति के लिए कई तर्पण,श्राद्ध और पिंडदान के कार्य अति शुभ माने जाते हैं। इस दौरान पितृ दोष के लक्षण जानकर व्यक्ति को मुक्ति पाने के लिए कुछ उपाय जरूर करना चाहिए।
Pitru Paksha 9th Day : 25 सितंबर, 2024 के दिन पितृपक्ष का नौवां दिन या नवमी श्राद्ध तिथि रहेगी। पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म करने से पितरों की कृपा बनी रहती है। जानें पितृपक्ष के नौवें दिन पितरों का श्राद्ध किस समय करना चाहिए।
god of ancestors pitru:अर्यमा की गणना नित्य पितर में की जाती है। इस सृष्टि में शरीर का निर्माण नित्य पितृ ही करते हैं। इनके संतुष्ट होने पर ही पितरों को तृप्ति मिलती है।
Pitru Paksha 2024 Dates tithi: पितरों का पक्ष यानी पितृपक्ष अभी चल रहा है। इस वीक मातृ नवमी, जिसमें घर की माताएं जो सौभाग्यशाली होती हैं, उनका श्राद्ध करते हैं और इसी सप्ताह ही सन्यासी पितरों का श्राद्ध भी किया जाता है। यहां आप सभी की तिथि और पंचांग देख सकते हैं।
Sarva Pitru Amavasya 2024 : सर्व पितृ अमावस्या का दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए आखिरी दिन माना जाता है। इस दिन सभी पूर्वजों के लिए श्राद्ध,पिंडदान और तर्पण किया जाता है।
Shradh Paksha 2024 : पितृ पक्ष चल रहा है। इस दौरान पितरों के आत्माशांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए उनकी मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध पक्ष में तर्पण,श्राद्ध और पिंडदान के कार्य अति शुभ माने जाते हैं।
Pitru Paksha 8th Day: आठवे दिन को अष्टमी श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। शुभ मुहूर्त में और सही तिथि पर पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध करना जरूरी माना गया है। आइए जानते हैं पितृपक्ष अष्टमी श्राद्ध को किसका श्राद्ध करना चाहिए।
Pitru Paksha 8th Day : 24 सितंबर, के दिन पितृ पक्ष का आठवां दिन या अष्टमी श्राद्ध तिथि रहेगी। आइए जानते हैं पितृ पक्ष के आठवें दिन किन-किन शुभ मुहूर्त में पितरों का श्राद्ध करना चाहिए।
छह लाख से अधिक पिंडदानी विष्णुनगरी आ चुके हैं। सबसे ज्यादा एक दिन वाला गयाश्राद्ध करने वालों की भीड़ है। सीता कुंड परिसर में तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए मानपुर के पटवा बुनकर अरोग्य ट्रस्ट द्वारा निशुल्क सेवा शिविर लगाया गया है।
पंडाजी और साहित्यकार पंडा कान्हू लाल गुर्दा की करीब डेढ़ वर्ष पहली लिखी पुस्तक वृहद गया महात्मय में 360 वेदियों का जिक्र है। समय के साथ वेदियां लुप्त होती गईं। पिंडदान महत्व वाले कई तालाब समतल हो गए।