कितने EVM लगेंगे और पैसे कितने खर्च होंगे? एक देश, एक चुनाव पर JPC से प्रियंका गांधी ने क्या-क्या पूछा?
प्रियंका गांधी ने JPC से पूछा कि क्या लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराना आर्थिक रूप से व्यवहारिक होगा और अगर हां तो इस देशव्यापी महा-अभियान पर कितना खर्च होगा।
देशभर में लोकसभा और विधानसभाओं का एक साथ चुनाव कराने संबंधी दो विधेयकों पर विचार के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (JOC) की बुधवार को पहली बैठक हुई। इस दौरान कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने ईवीएम से लेकर चुनावी खर्चे तक जुड़े सवाल पूछे और एक देश,एक चुनाव की जमीनी हकीकत पर सवाल खड़े किए।
सूत्रों के हवाले से NDTV की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रियंका गांधी ने संयुक्त संसदीय समिति से पूछा कि क्या लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराना आर्थिक रूप से व्यवहारिक होगा और अगर हां तो इस देशव्यापी महा-अभियान पर कितना खर्च होगा। कांग्रेस सांसद ने यह भी पूछा कि देशभर में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के लिए कितने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की जरूरत पड़ेगी।
वहीं, इसी बैठक में शामिल कांग्रेस के एक अन्य सांसद ने कहा कि एक देश, एक चुनाव संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन होगा, जिसे 1973 के केशवानंद भारती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था। इस ऐतिहासिक फैसले में शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया था कि संसद के पास संविधान में संशोधन करने की शक्ति है, लेकिन वह इसके मूल ढांचे को नहीं बदल सकती, जिसकी मूलभूत विशेषताएं लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद और कानून का शासन हैं।
आज जैसे ही जेपीसी की बैठक शुरू हुई विधि एवं न्याय मंत्रालय के अधिकारी ने प्रस्तावित कानूनों के प्रावधानों के बारे में समिति के सदस्यों को जानकारी दी। इसके साथ ही समिति के सभी सदस्यों को 18000 पन्नों की रिपोर्ट एक सूटकेस में बंद कर उपलब्ध कराई गई है। बैठक से बाहर निकलते सभी सांसदों के हाथों में बड़ी से सूटकेस ट्रॉली और एक छोटा सा बैग देखा गया, जिसमें ये रिपोर्ट रखी हुई थी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति में कांग्रेस से प्रियंका गांधी वाद्रा, जनता दल (यूनाइटेड) से संजय झा, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, आम आदमी पार्टी (आप) से संजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस से कल्याण बनर्जी समेत सभी प्रमुख दलों के सदस्य शामिल हैं। चौधरी पूर्व विधि राज्य मंत्री हैं।
संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश विधि (संशोधन) विधेयक को हाल ही में शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया गया था और समिति को भेजा गया था। सरकार ने समिति की सदस्य संख्या 31 से बढ़ाकर 39 करने का फैसला किया, क्योंकि अधिक राजनीतिक दलों ने एक साथ चुनाव कराने संबंधी दो मसौदा कानूनों पर विचार किए जाने की कवायद का हिस्सा बनने की इच्छा जताई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पुरुषोत्तम रूपाला और मनीष तिवारी तथा अनिल बलूनी, बांसुरी स्वराज और संबित पात्रा समेत कई अन्य सांसद भी समिति के सदस्य हैं। इस समिति में लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सदस्य हैं।