नेक्स्ट जेनरेशन कृषि के लिए बीएयू ने तैयार किया 500 करोड़ का प्रोजेक्ट
एक्सक्लूसिव मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी (मेटी) को दिया जाएगा प्रस्ताव कृषि के

बलराम मिश्र भागलपुर। सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) कृषि व्यवस्था को मजबूत बनाने को लेकर लगातार प्रयास कर रहा है। यही नहीं, कृषि में तकनीक की बढ़ती धमक को लेकर बीएयू भी नेक्स्ट जेनरेशन कृषि (एनजीए) की ओर कदम बढ़ाएगा। इसके लिए बीएयू के वैज्ञानिक ने कुलपति प्रो. दुनिया राम सिंह के निर्देशन में एनजीए के लिए करीब 500 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट को जल्द ही मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (मेटी) को सौंपा जाएगा।
कुलपति ने बताया कि इसे तैयार करने में डॉ. अंशुमान कोहली सहित अन्य वैज्ञानिकों की टीम लगी हुई है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से कृषि अपने नए स्वरूप में दिखेगी। प्रोजेक्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को कृषि में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने पर फोकस होगा। इसका उपयोग नए प्रभेद विकसित करने के साथ कृषि व्यवस्था में नए-नए सॉफ्टवेयर का विकास करने में शामिल होगा। बीएयू में प्रोजेक्ट के तहत सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था होगी। इसमें सुपर कंप्यूटर सहित अन्य कार्य शामिल हैं। इस प्रोजेक्टर में बीएयू से राज्य भर के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) को जोड़ने की कवायद होगी, ताकि बिहार के सभी किसान लाभान्वित हो सकें।
किसानों की समस्याओं को जल्द सुलझाया जाएगा
वैज्ञानिक डॉ. अंशुमान ने बताया कि कृषि की सभी व्यवस्थाओं में एआई के इस्तेमाल पर फोकस होगा। इसके साथ कृषि के भेदों में आईटी एप्लीकेशन को शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य किसानों की समस्याओं का जल्द से जल्द सुलझाने का है। नए प्रोजेक्ट में किसानों को प्रशिक्षण के लिए भी विस्तार से व्यवस्था होगी, ताकि जमीनी स्तर पर इस प्रोजेक्ट का लाभ किसानों को मिल सके। तकनीक का प्रयोग कर राज्य के किसानों को जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सक्षम बनाया जाएगा, ताकि किसानों के नुकसान को रोका जा सके। डेटा एनालाइसिस के माध्यम से किसानों का मौसम से होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा।
कोट :
बीएयू नेक्स्ट जेनरेशन कृषि के लिए तैयारी कर रहा है। इसे लेकर ही 500 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। प्रोजेक्ट में कुछ प्रावधान और जोड़े जा रहे हैं। इसके बाद प्रोजेक्ट को मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (मेटी) को सौंपा जाएगा। यह कृषि क्षेत्र में क्रांति के रूप में होगी।
प्रो. दुनिया राम सिंह, कुलपति, बीएयू
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