वन नेशन वन इलेक्शन बैठक के बाद सुर्खियों में आया 52 किलो सूटकेस, आखिर क्या था इसके अंदर
- इस भारी सूटकेस ने सांसदों और मीडिया, दोनों का ध्यान खींचा। भाजपा सांसद डॉ. संबित पात्रा ने इसे उठाकर सीढ़ियों से नीचे ले जाने का जज्बा दिखाया, जबकि कुछ सांसदों ने इसे लिफ्ट के जरिए अपने वाहनों तक पहुंचाया। वहीं, कुछ ने इसे अपने सहायकों के हवाले कर दिया।
संसद भवन में वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर बुधवार को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक हुई। इस अहम बैठक में जहां 39 में से 37 सांसदों ने हिस्सा लिया, वहीं असली सुर्खियां बटोरी एक 52 किलो के सूटकेस ने, जिसे बैठक के बाद हर सांसद को सौंपा गया।
सूटकेस में क्या था?
बैठक के बाद सांसदों को यह भारी-भरकम सूटकेस मिलता देखा गया। पूछने पर मालूम हुआ कि इसमें वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। अधिकारियों ने बताया कि इस सूटकेस में कुल 18,000 पन्नों के दस्तावेज हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली हाई लेवल कमेटी की रिपोर्ट के 23 वॉल्यूम, कानून आयोग की रिपोर्ट और विभिन्न कोर्ट केसों के संदर्भ शामिल हैं। दस्तावेजों में 21 अपेंडिक्स और रिपोर्ट की अंग्रेजी और हिंदी में प्रतियां भी शामिल थीं। इसे सांसदों के अध्ययन के लिए तैयार किया गया है, ताकि वे इस जटिल मुद्दे पर विस्तार से विचार कर सकें।
सूटकेस ने खींचा सबका ध्यान
इस भारी सूटकेस ने सांसदों और मीडिया, दोनों का ध्यान खींचा। भाजपा सांसद डॉ. संबित पात्रा ने इसे उठाकर सीढ़ियों से नीचे ले जाने का जज्बा दिखाया, जबकि कुछ सांसदों ने इसे लिफ्ट के जरिए अपने वाहनों तक पहुंचाया। वहीं, कुछ ने इसे अपने सहायकों के हवाले कर दिया।
कानून मंत्रालय के सचिव राजीव मणि ने समिति को प्रस्ताव का परिचय देते हुए इसकी पृष्ठभूमि, आवश्यकता, और प्रस्तावित विधेयकों की जानकारी दी। संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 के जरिए एक साथ चुनाव कराने का सुझाव दिया गया है। इसमें लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए अनुच्छेद 82ए जोड़ने का प्रस्ताव है। इसके अलावा अनुच्छेद 83, 172 और 327 में संशोधन किया जाएगा।
विपक्ष ने उठाए सवाल
जहां सत्ताधारी एनडीए का मानना है कि इससे चुनावी खर्च और समय की बचत होगी, वहीं विपक्ष ने इसकी लॉजिस्टिकल चुनौतियों पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि हालिया चुनावों में भी कुछ राज्यों के चुनाव समय पर नहीं हो पाए, तो पूरे देश में इसे लागू करना मुश्किल हो सकता है। इस समिति में भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता में कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा, जेडीयू के संजय झा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, और तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, समेत कई प्रमुख नेता शामिल हैं।