सपा के लिए मैनपुरी उपचुनाव की जीत काफी अहम रही है, क्योंकि यह मुलायम की विरासत को बनाए रखने को लेकर चुनाव था। डिंपल यादव ने 2.88 लाख वोटों के अंतर से सीट जीती। 2019 के जीत के अंतर से तीन गुना है।
जदयू ने अगस्त में भाजपा के साथ गठबंधन तोड़कर एक बार फिर से राजद से हाथ मिला लिया। उस घटनाक्रम के बाद नीतीश ने राष्ट्रीय भूमिका के लिए अपनी महत्वाकांक्षाओं को स्पष्ट कर दिया है।
बीजेपी ने विभिन्न राज्यों में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट से रघुराज सिंह शाक्य को उम्मीदवार बनाया है।
मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के लोगों ने भी इस चुनाव को नेताजी का चुनाव बताया। सैफई (मुलायम सिंह यादव के पैतृक गांव) के लोगों का कहना है कि यादव परिवार का कोई भी सदस्य इस सीट से चुनाव लड़ सकता है.
मैनपुरी लोकसभा और रामपुर एवं खतौली विधानसभा सीटों के लिए 5 दिसम्बर को होने वाले उपचुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस लिया है। अखिलेश यादव को सबसे ज्यादा परेशानी घर के लोगों से ही है।