हांगकांग और सिंगापुर में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है, हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति महामारी के शुरुआती चरणों जितनी गंभीर नहीं है।
मध्य प्रदेश में एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दी है। कोरान के मरीज इंदौर शहर में मिले हैं। यहां कोविड के दो नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें एक 74 वर्षीय महिला शामिल हैं,जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई है।
Donald trump news: कोविड-19 को लेकर अमेरिकी ट्रंप प्रशासन ने नई थ्योरी सामने रखी है। इसमें पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके मुख्य चिकित्सा सलाहकार पर कोरोना की उत्पत्ति को छिपाने और वर्षों तक लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कोविड वैक्सीन से जुड़े साइड इफेक्ट्स पर नीति बनाने को लेकर जवाब मांगा है। इस दौरान कोर्ट ने कहा है कि कोविड-19 से होने वाली मौतों और वैक्सीन से संबंधित मौतों को अलग-अलग नहीं देखा जाना चाहिए।
चीन के वैज्ञानिकों ने चमगादड़ों में एक नए कोरोना वायरस की खोज की है, जिसे 'बैट कोरोना वायरस' कहा जा रहा है। यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। अध्ययन शी झेंगली के नेतृत्व में किया गया है,...
इस नई स्टडी का नेतृत्व शी झेंगली ने किया है। शी एक प्रमुख वायरोलॉजिस्ट हैं और जिन्हें बैट कोरोनावायरस पर उनके व्यापक रिसर्च के लिए जाना जाता है। इसीलिए उनका नाम भी 'बैटवुमन' भी रखा गया है।
कोरोना महामारी का खतरा टलने के बाद अधिकांश जगहों पर कोविड गाइडलाइन की पाबंदियां भी हट गई हैं। कोविड की निगेटिव रिपोर्ट की बाध्यता अब नहीं रही। बीते दो साल से जिले में एक भी कोरोना पाजिटिव मरीज भी नहीं है।
डॉ. भुइयां ने कहा, ‘यह एक नियमित जांच थी, जिसके दौरान एचएमपीवी संक्रमण का पता चला। बच्चे की हालत अब स्थिर है। यह एक सामान्य वायरस है और चिंता की कोई बात नहीं है।’
एचएमपीवी से बचाव के लिए कोविड-19 जैसे प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है, जिसमें नियमित रूप से हाथ धोना, खांसते-छींकते समय मुंह ढकना, संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना और उनकी उपयोग की वस्तुओं को साफ रखना शामिल है।
यह वायरस किसी भी उम्र के लोगों को शिकार बना सकता है। खासतौर पर ऐसे युवा भी इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं, जो फेफड़े की बीमारी से पीड़ित हों। या फिर निमोनिया आदि से पीड़ित हों। इसके अलावा अस्थमा, सांस की अन्य बीमारियों, लंग से संबंधित समस्याओं से पीड़ित लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।